सिंध नदी में स्थापित धार महादेव के दर्शन भक्तों को एक बार फिर मिले हैं.
1970 में जब नदी सूखी थी उसके बाद 52 साल बाद दर्शन हुए हैं.
नदी के बीचों बीच एक पत्थर पर प्राकृतिक रुप से मौजूद शिवलिंग की पूजा होती है.
सिंध नदी में स्थापित यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से एक चट्टान पर विराजमान हैं.
नदी के बीचों-बीच और चट्टान पर विराजमान होने से इन्हें धार महादेव कहते हैं.
धार महादेव के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं.
सिंध नदी देश की प्राचीन नदी है जो शिवपुरी जिले से बहती है.
सिंध नदी शिवपुरी के चंबल से आगे चलकर यमुना नदी में मिल जाती है.
सिंध नदी को बेहद प्राचीन नदी माना जाता है, इसे पहले सिंधु भी कहा जाता था.