सिंध नदी में 52 साल बाद हुए धार महादेव के दर्शन, बना अनोखा संयोग

धार महादेव के दर्शन

सिंध नदी में स्थापित धार महादेव के दर्शन भक्तों को एक बार फिर मिले हैं.

52 साल बाद

1970 में जब नदी सूखी थी उसके बाद 52 साल बाद दर्शन हुए हैं.

बीच में महादेव

नदी के बीचों बीच एक पत्थर पर प्राकृतिक रुप से मौजूद शिवलिंग की पूजा होती है.

प्राकृतिक शिवलिंग

सिंध नदी में स्थापित यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से एक चट्टान पर विराजमान हैं.

धार महादेव

नदी के बीचों-बीच और चट्टान पर विराजमान होने से इन्हें धार महादेव कहते हैं.

भक्तों की भीड़

धार महादेव के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं.

सिंध नदी

सिंध नदी देश की प्राचीन नदी है जो शिवपुरी जिले से बहती है.

यमुना में मिलन

सिंध नदी शिवपुरी के चंबल से आगे चलकर यमुना नदी में मिल जाती है.

प्राचीन नदी

सिंध नदी को बेहद प्राचीन नदी माना जाता है, इसे पहले सिंधु भी कहा जाता था.

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