आपने अक्सर हिंदू शादियों में देखा होगा कि दूल्हा और दुल्हन सप्तपदी या सात चरणों के रूप में अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेते हैं. हालांकि बहुत से लोग ये नहीं जानते हैं कि वे ऐसा क्यों करते हैं, आइए आपको इसके बारे में बताते हैं...

Abhay Pandey
Apr 26, 2023

सात फेरे लेने का महत्व हिंदू पौराणिक कथाओं में निहित है और यह उन सात वादों या प्रतिज्ञाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो जोड़े एक-दूसरे से करते हैं.

पहला फेरा भोजन, पोषण और भरण-पोषण के लिए होता है. दूल्हा और दुल्हन अपने जीवन की आवश्यकताओं को प्रदान करने और साझा करने का वादा करते हैं.

दूसरा फेरा शक्ति, शारीरिक और भावनात्मक के लिए होता है. दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे का साथ निभाने और देखभाल करने का वादा करते हैं.तीसरा फेरा समृद्धि, धन और वित्तीय स्थिरता के लिए होता है. दूल्हा और दुल्हन आगे बढ़ने की लिए एक साथ काम करने का वादा करते हैं.

चौथा फेरा ज्ञान और विद्या से संबंधित होता है. दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे से सीखने और एक साथ बढ़ने का वादा करते हैं. पांचवां फेरा संतान और परिवार के लिए होता है. दूल्हा और दुल्हन अपने बच्चों को पालने का वादा करते हैं.

छठा फेरा स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए होता है. दंपति एक-दूसरे की भलाई का ख्याल रखने का वादा करते हैं. सातवां फेरा बिना शर्त प्यार, साहचर्य और दोस्ती के लिए होता है. दंपति वफादार रहने और जीवन के सभी उतार-चढ़ाव के दौरान एक-दूसरे के साथ खड़े रहने का वादा करते हैं.

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