नोट- यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee MPCG में इसे लेकर पुष्टि नहीं करता है.

इसे खिचड़ी पर्व इस लिए भी कहा जाता है की इस समय तक नया चावल आ जाता है और लोग इस दिन से नया अनाज खाते हैं.

इस दिन खिचड़ी दान करने से शुभ फल प्राप्त होता है और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं.

मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने व दान करने की परंपरा है. इस लिए इसे खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है.

आइये जानें संक्रांति को ‘खिचड़ी पर्व’ क्यों कहा जाता है?

इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा.

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं और तभी खरमास समाप्त होता है.

ग्रहों के राजा सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं.

मकर संक्रांति को क्यों कहते हैं खिचड़ी पर्व? जानिए महत्व

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