महिलाओं के कद्दू काटने पर प्रतिबंध

हिंदू धर्म में कद्दू से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. इसलिए कई घरों में आज भी महिलाएं कद्दू नहीं काटती हैं.

Aug 25, 2023

क्या आप जानते हैं

क्या आप जानते हैं कि आखिर इसका क्या कारण है और इसके पीछे क्या धार्मिक महत्व है?

कद्दू ज्येष्ठ पुत्र

मान्यताओं के अनुसार, कद्दू को ज्येष्ठ पुत्र माना जाता है.

आदिवासी समुदाय की मान्यता

छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में आदिवासी समुदाय की महिलाएं तो आज भी कद्दू को नहीं काटती हैं.

जानिए क्या है मान्यता

इसके पीछे मान्यता है कि, कद्दू को काटना बड़े बेटे की बलि देने के समान होता है.

पहले पुरुष काटते हैं

पहले पुरुष कद्दू को काटते हैं, फिर महिलाएं इसके छोटे-छोटे टुकड़े काट सकती हैं.

कद्दू काटना मना

मान्यता के मुताबकि हिंदू धर्म में जिस तरह महिलाओं का नारियल फोड़ने पर प्रतिबंध होता है. उसी तरह से कद्दू काटना भी मना होता है.

नारियल और कद्दू

सनातन धर्म में नारियल और कद्दू जैसी चीजों को सात्विक पूजा में बलि का प्रतिरूप माना जाता है.

पौराणिक महत्व

ऐसा पौराणिक महत्व हैं, जहां पशु की बलि नहीं दी जाती है, वहां कद्दू को पशु का प्रतीक मानकर बलि देते हैं.

सनातन परंपरा

सनातन परंपरा के अनुसार, स्त्री सृजनकर्ता है ना कि संहराकर्ता. यानी स्त्री जन्म देने वाली है, वो बलि नहीं देती.

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