उपचुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों की उम्र दो सालों में तीन साल बढ़ गयी तो किसी की पांच साल बढ़ गयी.
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भोपाल: आपकी उम्र अगर 2 साल पहले 25 की थी तो अब आप 27 के होंगे, लेकिन हमारे नेताओं के साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. उपचुनाव में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों की उम्र दो सालों में तीन साल बढ़ गयी तो किसी की पांच साल बढ़ गयी. कुछ नेताओ की उम्र तो घटी ही नहीं तो कुछ उम्र से छोटे हो गए. इसका खुलासा चुनाव आयोग से पहले आयोग को सौंपे गए शपथ पत्रों से हुआ है.
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किसकी उम्र कितनी घटी
2018 के विधानसभा चुनाव में जीते करैरा से विधायक जसमंत जाटव दो साल पहले 51 वर्ष के थे लेकिन बीजेपी में जाने के बाद उनके शपथ पत्र में उन्होंने 46 वर्ष उम्र बताई है. इस तरह 2 साल में ही उनकी उम्र 5 साल कम हो गयी.
- इसी तरह अशोकनगर से विधायक रहे जजपाल सिंह जज्जी और नेपानगर की पूर्व विधायक रही सुमित्रा कास्डेकर की उम्र 2 साल में बढ़ी ही नहीं. जज्जी तब भी 57 के थे और सुमित्रा 35 की ही रही.
- मंत्री बिसाहूलाल दो साल पहले शपथ पत्र के अनुसार 68 वर्षीय थे लेकिन इस बार उन्होंने उनकी उम्र 67 साल बताई है. सांवेर से तुलसीराम सिलावट की उम्र दो सालों में एक साल ही बढ़ सकी. 2018 में वह 63 साल के थे लेकिन शपथ पत्र में इस बार उन्होंने अपनी उम्र 64 साल बताई है. इस क्रम को बरकरार रखते हुए हाटपिपलिया से प्रत्याशी मनोज चौधरी दो साल पहले 43 साल के थे अब वह 44 के हो गए है.
किसकी उम्र बढ़ गई
- सुरखी से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अभी 59 वर्षीय है , 2018 में वह 52 साल के थे. ग्वालियर से बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम सिंह तोमर दो साल में ही 48 से सीधे 51 के हो गए हैं. अम्बाह से कमलेश जाटव 38 से सीधे 41 साल के हो गए. ग्वालियर पूर्व से विधायक रहे मुन्नालाल गोयल की उम्र 60 से एक साल ज्यादा 63 हो गयी.
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उम्र को लेकर क्या है नियम
दरअसल प्रत्याशी जो शपथ पत्र देते है , उसमे चुनाव आयोग को कोई मतलब नहीं होता. हां अगर कोई आमजन आपत्ति लेता है तो नियम अनुसार कार्रवाई होती है.
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