इंदौर निवासी रीता त्रिपाठी अपने बेटे को जिंदा करने की आस को लेकर इतनी अन्धविश्वासी हो गई कि अपने 22 वर्षीय मृत बेटे के शव को लेकर अस्पताल ले जाने के बजाय उज्जैन लेकर आ गई.
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नई दिल्लीः इंदौर की एक महिला अंधविश्वास में अपने मृत बेटे को जिंदा करने की आस लेकर महाकाल से विनती करने के लिए बेटे के शव को ऑटो में रख कर उज्जैन ले आई. उज्जैन आते ही सबसे पहले रामघाट पंहुची महिला ने ऑटो चालक को उज्जैन में अंतिम संस्कार की बात कही तो ऑटो चालक ने पुलिस थाने में सुचना कर दी. पुलिस ने मृत बेटे के शव को कब्जे में लेकर आज उसके पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल ले आई जंहा अन्धविश्वासी महिला ने पूरी कहानी मीडिया को बताई. इंदौर निवासी रीता त्रिपाठी अपने बेटे को जिंदा करने की आस को लेकर इतनी अन्धविश्वासी हो गई कि अपने 22 वर्षीय मृत बेटे के शव को लेकर उज्जैन आ गई. यही नहीं जब महिला का बेटा जिंदा नहीं हुआ तो शिप्रा किनारे मृत बेटे के अंतिम संस्कार की बात करने लगी.
इंदौर से पहुंची उज्जैन
मिली जानकारी के मुताबिक रीता इंदौर में अपने दूसरे पति के साथ रहती है. रीता के पहले पति की काफी समय पहले मौत हो गई थी. जिसके बाद रीता ने दूसरी शादी कर ली. महिला का दूसरा पति उसके बेटे को उसके साथ नहीं रहने देता था. जिसके चलते महिला का बेटा अलग रहता था. ऐसे में महिला को अमित के पड़ोसी का फोन आया कि वह दरवाजा नहीं खोल रहा है. महिला जब बेटे को देखने पहुंची तो बेटा कमरे में मृत हालत में मिला.
बेटे की मौत के लिए बेटे को जिम्मेदार ठहराया
महिला बिना किसी को बताए बेटे का शव ऑटो में लेकर रामघाट पहुंच गई. दरअसल, युवक की मौत के कारण का पता नहीं चल पाया है. आज उज्जैन जिला चिकत्सालय में उसके पोस्टमार्टम के बाद कुछ पता चल पायेगा. वहीं रीता अपने बेटे की मौत का जिम्मेदार अपने दूसरे पति को बता रही है. रीता के मुताबिक वह रीता के बेटे को उसके साथ नहीं रहने देता था. जिसके चलते वह न तो अपने बेटे की देखभाल कर पाती थी और न ही उसका ख्याल रख पाती थी. ऐसे में जब उसकी मौत हुई तब भी वह समय पर नहीं पहुंच पाई.