महिलाओं ने फैसला लिया है कि वे सभी मिलकर एक हजार नैपकीन और पोस्टकार्ड हस्ताक्षरित करके पीएम मोदी को भेजेंगी.
Trending Photos
ग्वालियरः केंद्र सरकार द्वारा सेनेटरी नैपकीन को जीएसटी के दायरे में लाने की घोषणा के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश में इसका विरोध देखने को मिला है. ग्वालियर में महिलाओं ने सेनेटरी नैपकीन को टैक्स फ्री कराने के लिए एक अभियान चलाया है. महिलाओं ने फैसला लिया है कि वे सभी मिलकर एक हजार नैपकीन और पोस्टकार्ड हस्ताक्षरित करके पीएम मोदी को भेजेंगी.
नैपकीन पर पड़ी महंगाई की मार
ग्वालियर की रहने वाली प्रीति देवेंद्र जोशी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान पर तंज कसा है. प्रीति का कहना है कि एक तरफ स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी तरफ महिलाओं द्वारा मासिक धर्म के दौरान यूज किए जाने वाले सेनेटरी नैपकीन को 'लग्जरी सामान' में गिना गया है. प्रीति का कहना है कि नैपकीन पहले ही महंगा था, ऐसे में उस पर टैक्स लगाने से अब यह और भी महंगा हो गया है.
यह भी पढ़ें: 'पैड मैन' को उपदेशक न बनाकर मनोरंजक बनाने की कोशिश : टि्वंकल
महिलाओं की जरूरत का है सवाल
प्रीति का कहना है कि 15 से 40 आयु वर्ग की हर महिला को महीने में कम से कम 4 से 5 दिन नैपकीन की जरूरत पड़ती है. पहले ही मंहगाई के कारण महिलाएं नैपकीन खरीद पाने में सक्षम नहीं है, जिसके कारण वो घर में पड़े फटे और पुराने कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं. जिस तरह से नैपकीन की दरें बढ़ी हैं उसे देखकर तो लग रहा है कि आने वाले वक्त में मध्यवर्ग की महिलाएं भी इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी. जिसका सीधा असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ेगा.
यह भी पढ़ें: आ गया है भारत का सुपरहीरो 'पैडमैन', देखें फिल्म का ट्रेलर
#MadhyaPradesh: A group of social workers in Gwalior start a campaign encouraging women to write down their views on menstrual hygiene on sanitary napkins to mark their protest against it being placed under 12% GST. pic.twitter.com/1SKIFiuErP
— ANI (@ANI) January 9, 2018
नैपकीन पर नाम और संदेश
ग्वालियर में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में लड़कियों और महिलाओं से नैपकीन पर उनके नाम और संदेश को लिखवाया जा रहा है. इस अभियान को 5 मार्च तक चलाने की योजना है. अभियान को चलाने वाली महिलाओं का कहना है कि वो ये संदेश पीएम मोदी को भेजकर उन्हें सेनेटरी नैपकीन पर लागू 12 फीसदी जीएसटी सहित अन्य टैक्स को खत्म करने की मांग करेंगी. इन सभी महिलाओं को उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर नैपकीन को जीसटी के दायरे से बाहर करने की कोशिश करेंगे.