जयललिता की बेटी होने का दावा करने वाली महिला की याचिका मद्रास हाईकोर्ट ने की खारिज
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जयललिता की बेटी होने का दावा करने वाली महिला की याचिका मद्रास हाईकोर्ट ने की खारिज

जस्टिस वैद्यनाथन ने बेंगलुरु की अमृता, उसके रिश्तेदारों एलएस ललिता और रंजनी रामचंद्रन की याचिका खारिज कर दी.

फाइल फोटो

चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता की जैविक बेटी होने का दावा करने वाली एक महिला की याचिका शुक्रवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह अपने दावे को साबित करने में विफल रही है. जस्टिस एस वैद्यनाथन ने कहा कि चूंकि महिला साबित नहीं कर पायी कि वह जैविक बेटी है, इसलिए अदालत द्वारा वैष्णव परंपरा के मुताबिक जयललिता का अंतिम संस्कार करने की अनुमति दिये जाने का प्रश्न ही नहीं है, जिसका उसने अनुरोध किया था.

जस्टिस वैद्यनाथन ने बेंगलुरु की अमृता, उसके रिश्तेदारों एल एस ललिता और रंजनी रामचंद्रन की याचिका खारिज कर दी. महाधिवक्ता की इस दलील से कि अमृता दिवंगत जयललिता की मानहानि करने का प्रयास कर रही है, सहमति जताते हुए न्यायमूर्ति वैद्यनाथन ने कहा कि पुराणों के अनुसार मृतकों को भी निजता का अधिकार है और उनकी आत्माओं को परेशान नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि मरने के बाद भी उनकी आत्मा अमर रहती है. डीएनए परीक्षण संबंधी अमृता के अनुरोध पर अदालत ने कहा कि यदि मजबूत आधार होता, जो उपयुक्त दस्तावेज से स्थापित नहीं किया जा सका, तभी यह किया जा सकता है. 

(इनपुट भाषा से)

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