Trending Photos
नई दिल्ली : जो लोग लोक और परलोक में भरोसा रखते हैं, उनके लिए माघ मास की पूर्णिमा का दिन बहुत खास है। इस तिथि को चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होती है। कहा जाता है कि अगर इस दिन आपने गंगा में डुबकी लगा ली, तो आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। एक तरह से आपने मोक्ष प्राप्ति के लिए राह को प्रशस्त कर लिया है।
माघी पूर्णिमा की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर पितरों का श्राद्ध कर निशक्तजनों को भोजन, वस्त्र, तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, जूते, फल, अन्न आदि का दान करें। इस दिन सोने एवं चांदी का दान भी किया जाता है। गौ दान का विशेष फल प्राप्त होता है। इसी दिन संयमपूर्वक आचरण कर व्रत करें। इस दिन ज्यादा जोर से बोलना या किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए। गृह क्लेश से बचना चाहिए। गरीबों एवं जरुरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके द्वारा या आपके मन, वचन या कर्म के माध्यम से किसी का अपमान न हो। माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण जी की कथा की जाती है भगवान विष्णु की पूजा में केले के पत्ते व फल, पंचामृत, सुपारी, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, दूर्वा का उपयोग किया जाता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही मन और तन भी शुद्ध हो जाते है। इस दिन व्रत करने से धन, लक्ष्मी, विद्या की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि जो कोई भी इस दिन सच्चे हृदय से स्नान दान करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। धर्म शास्त्र के जानकारों के मुताबिक पूर्णिमा तिथि के दौरान किसी भी वक्त पर स्नान और दान करने से इसका जरूर पुण्य मिलेगा। ग्रहों के दोष से भी मुक्ति मिलती है।
माघी पूर्णिमा के इस बार सोमवार यानी आज होने के चलते इसकी महिला कई गुना बढ़ जाती है। इस खास दिन गंगा से लेकर देश भर की अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में उल्लेख है कि माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं अत: इस पावन समय गंगाजल का स्पर्शमात्र भी स्वर्ग की प्राप्ति देता है। पुराणों में माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु व्रत, उपवास, दान से भी उतने प्रसन्न नहीं होते, जितना अधिक प्रसन्न माघ स्नान करने से होते हैं।