आने वाले नवरात्र के मौके पर पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति ने लोगों से आवाह्न किया है कि वो मंदिर में आते वक्त पूरे कपड़े पहनकर आएं.
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मंदिरों में अब ड्रेस कोड लागू हो सकता हैं. आने वाले नवरात्र के मौके पर पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति ने लोगों से आवाह्न किया है कि वो मंदिर में आते वक्त पूरे कपड़े पहनकर आएं. समिति का कहना है कि मंदिर एक पवित्र स्थान है ऐसे में इस जगह शार्ट कपड़ों में आने से मंदिर पवित्रता भंग होती है. समिति के इस आवाह्न के बाद लोगों से इसका विरोध करना शुरु कर दिया है. पश्चिम महाराष्ट्र समिति में 300 मंदिर आते हैं जिसमें महाराष्ट्र के कोल्हापुर का अंबाबाई मंदिर, ज्योतिबा मंदिर और नरसिंह वाड़ी मंदिर शामिल हैं.
पश्चिम देवस्थान समिति ने लोगों से आवाह्न किया हैं कि मंदिर में शॉर्ट कपड़ों में ना आएं. मंदिर प्रशासन का कहना हैं कि गोवा जाते वक्त जब लोग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं तो ज्यादातर शॉर्ट कपड़ों में होते हैं, ऐसे में मंदिर की पवित्रता पर असर होता है. समिति के अध्यक्ष का कहना है कि नवरात्रि की तैयारियों के दौरान खासतौर से लोगों से अपील की है. समिति की इस अपील का दूसरे मंदिर संस्थानों ने समर्थन किया है.
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मंदिर प्रशासन के इस दिशा-निर्देश के बाद सामाजिक संगठन मंदिर समिति पर पूरी तरह से बिफर पड़े हैं. उनका कहना है कि छोटे कपड़ों की बात कहकर अभिव्यिक्ति की आजादी पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और महिलाओं को मंदिर में आने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल इस मामले में पर सरकार की तरफ से अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है लेकिन जिस तरह से समिति के फरमान पर विरोध होना शुरू हुआ. देर-सबेर सरकार को अपना पक्ष रखना पड़ेगा. वैसे जिस मंदिर में नवरात्रि के दिनों में सबसे ज्यादा भीड़ होती है वो कोल्हापुर का अंबाबाई मंदिर है. नवरात्रि के दिनों यहां रोजाना एक लाख से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए आते हैं.