महाराष्ट्र चुनाव: सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा, इतनी सीटें मांग रही शिवसेना
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महाराष्ट्र चुनाव: सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा, इतनी सीटें मांग रही शिवसेना

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे और गठबंधन को लेकर बात नहीं बन पा रही है.

शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन और सीटों के बंटवारे का ऐलान लटका हुआ है.

मुंबई: महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly elections 2019) होने हैं और अब तक शिवसेना और बीजेपी (Shiv Sena- BJP)  के बीच गठबंधन और सीटों के बंटवारे का ऐलान लटका हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना ने बीजेपी के सामने चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर फिफ्टी- फिफ्टी फॉर्मूला की शर्त दोहरा दी है. शिवसेना 135 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है. हालांकि बीजेपी, शिवसेना के लिए 124 सीटों की पेशकश लेकर नए फार्मूले के साथ सामने आई है लेकिन गठबंधन को लेकर अभी तक बात नहीं बन पाई है.

उधर, उद्धव ठाकरे ने पार्टी नेताओं से सूबे में अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में कमर कसने की तैयारी का आदेश देकर गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति को और हवा दे दी है. शिवसेना ने नागपुर सीट समेत प्रदेश की सभी सीटों पर इच्छुक उम्मीदवारों के सेलेक्शन की प्रक्रिया भी खामोशी से शुरू कर दी है. सूबे में अक्टूबर में चुनाव होने जा रहा है.

शिवसेना अध्यक्ष का कहना है, "हम गिनती बाद में करेंगें कितने उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया गया लेकिन हर सीट पर पार्टी में चुनाव लड़ने के इच्छुक आगे आ रहे हैं और एक राजनीतिक पार्टी होने के नाते हम इस प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं. पार्टी की विचारधारा को आगे बढाना हमारा ध्येय है."  

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शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, "हमारे बीच गठबंधन होगा, हम सकारात्मक हैं लेकिन एक राजनीतिक दल होने के नाते पार्टी को गफलत में नहीं रहना चाहिये और उद्दव ठाकरे ने पार्टी को यही ताकीद की है. सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है." 

जानकर मानते हैं कि शिवसेना बीजेपी पर दबाव की सियासत कर सीटों के बंटवारे में अपनी बात मनवाने का दांव भांप रही है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इसी बीच अयोध्या में श्रीराम मंदिर जल्द से जल्द बनाने का मुद्दा उछाल दिया है. नए मोटर वेहिकल कानून को सूबे में लागू न करने का ऐलान कर शिवसेना कोटे के परिवहन मंत्री ने बीजेपी को पहले ही घेर रखा है. जबकि पार्टी और दूसरे क्षेत्रीय मुद्दों पर बीजेपी पर दबाव बना रही है. हालांकि बीजेपी सीटों के फार्मूले पर फिल्हाल अपने कार्ड नहीं खोल रही लेकिन पार्टी शिवसेना के साथ बातचीत कर गठबंधन को लेकर सब ठीक कर लेने का दावा कर रही है. बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार के वित्त मंत्री सुधीर मुंगंटीवार का कहना है कि हमारे बीच सब ठीक चल रहा  है. दोस्ती यूं ही जारी रहेगी. 

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महाराष्ट्र में बीजेपी के पास मौजूदा वक्त में 122 विधायक हैं जबकि कांग्रेस और एनसीपी से कई विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी सूबे में ज्यादातर विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. बीजेपी को प्रदेश के छोटे दलों का भी समर्थन हासिल है और विपक्षी दलों के कई क्षत्रप नेता भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं जिसके चलते पार्टी की सूबे की सियासत में पकड़ और मजबूत हो गई है. यही वजह है कि बीजेपी शिवसेना को ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है. 2014 में इसी तरह सीटों के बंटवारे पर अनबन के बाद ऐन मौके पर गठबंधन टूट गया था. शिवसेना और बीजेपी विधानसभा चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ बैठे थे.

उधर, विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी विधानसभा में गठबंधन कर 125 - 125 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है और बची हुई सीटें दूसरी छोटी सहयोगी पार्टियों में बांटने की तैयारी है. प्रदेश में राज ठाकरे की एमएनएस चुनावी समर में कूदेगी या नहीं, अब तक राज ठाकरे फैसला नहीं ले पाए हैं. कुल मिलाकर महाराष्ट्र में सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. 

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