Aurangzeb's Tomb: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासत गरमाई हुई है. हिन्दू संगठनों की चेतावनी बाद छत्रपति संभाजी नगर में स्थित औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कब्र स्थल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है.
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Maharashtra News: मुगल बादशाह औरंगजेब एक बार फिर चर्चा में हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के बयान के बाद उनकी कब्र को लेकर विवाद गहरा गया है. अब कई संगठन और नेता उनकी कब्र तोड़ने की मांग कर रहे हैं, जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसे देखते हुए पुलिस ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा कड़ी कर दी है. महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर स्थित उनकी कब्र पर पहले भी विवाद हुआ था. फिलहाल इस पूरे विवाद के चलते प्रशासन सतर्क हो गया है और किसी भी तरह की घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
पुलिस-प्रशासन ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी और यहां एंट्री करने से पहले आगंतुकों के लिए पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है. वहं, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए दिन में कई सरकारी कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे.
महाराष्ट्र में औरंगजेब को मराठों के साथ जंग के लिए याद किया जाता है, जिन्होंने औरंगजेब की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का विरोध किया था. मराठा योद्धा राजा शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी को औरंगजेब के आदेश पर पकड़ लिया गया, प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
छत्रपति संभाजीनगर ग्रामीण पुलिस डिपार्टमेंट ने खुल्दाबाद शहर के एंट्री बिंदू से लेकर कब्र तक कई जगहों पर सुरक्षा नाके स्थापित किये हैं. यहां एक अफसर ने बताया कि राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की 50 पुलिसकर्मियों की एक कंपनी, स्थानीय पुलिस के 30 जवान और 20 होमगार्ड के जवानों को अलग-अलग जगहों और कब्र स्थल पर तैनात किया गया है.
विजिटर को देने होंगे दस्तावेज
उन्होंने कहा कि अब कब्र पर आने वाले टूरिस्टों को होमगार्ड की एक टीम के पास रखे विजिटर रजिस्टर में अपना नाम लिखना होगा और पहचान संबंधी दस्तावेज देने होंगे.
कब्र की देखरेख करने वाले ने क्या कहा?
वहीं, कब्र की देखरेख करने वाले परवेज कबीर अहमद ने कहा, ‘यहां स्थिति शांतिपूर्ण है और लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. कब्र को गिराने की मांग उठने के बाद से यहां आने वालों की संख्या में कमी आई है. रमजान के दौरान यहां आने वालों की तादाद आमतौर पर कम होती है. करीब 100 लोग हर रोज आते हैं, लेकिन मुद्दा उठने के बाद से यह संख्या कम हो गई है.’
इनपुट- भाषा