महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने क्रिसमस को लेकर आयोजित एक चैरिटी कार्यक्रम में हिस्सा लिया, उसके बाद सोशल मीडिया पर वह ट्रोल होने लगीं.
Trending Photos
मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी को अमृता फडणवीस को एक चैरिटी कार्यक्रम में हिस्सा लेना सोशल मीडिया यूजर्स का इतना नागवार गुजरा कि वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गईं और उन पर जातिगत सवाल करने लगे. अमृता एक रेडियो चैनल द्वारा द्वारा आयोजित एक क्रिसमस के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं. रेडियो चैनल द्वारा आयोजित 'launched-Be Santa-campaign' के लिए अमृता फडणवीस को एंबेसडर बनाया गया है. इस अभियान के जरिए गरीब बच्चों को क्रिसमस पर उपहार देने के लिए उपहार इकट्ठा किए जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद उन्होंने कार्यक्रम के कुछ फोटोग्राफ अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किए.
launched-Be Santa-campaign, as Ambassador for @927BIGFM - to collect gifts from people -for poor children ,to bring smiles to their faces during this Christmas.Drop ur gifts at nearest @927BIGFM & Feel the joy -as best way to multiply your happiness is by sharing it with others pic.twitter.com/r5UTAi3nDY
— AMRUTA FADNAVIS (@fadnavis_amruta) 12 दिसंबर 2017
ट्विटर पर फोटो शेयर करने के बाद उनके पेज पर तमाम कमेंट्स आने लगे. कुछ लोगों ने सवाल किया कि उन्हें ऐसा ख्याल दीपावली या गणेश पूजा के दौरान क्यों नहीं आता. कुछ लोगों ने तो उनकी जाति पर ही सवाल पूछ डाले. एक अन्य यूजर ने कमेंट किया कि अमृता फडणवीस को हिंदू त्यौहारों को भी ऐसे प्रमोट करना चाहिए.
Why santa? Cudnt u do same thing during Diwali?
— Masala Chaas (@masala_chaas) 12 दिसंबर 2017
I hope madam@amruta_fadnavis n hubby Dave can appeal to their coreligionists to not wear Santa suits this Xmas as they cause pollution in production. Just like they appealed against crackers on Diwali. Oh and no crackers on new year please.
— rajeev bhardwaj (@rajeev579) 12 दिसंबर 2017
काफी ट्रोल हो जाने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता ने अपनी पोस्ट पर कहा, 'अन्य लोगों की तरह मुझे हिंदू होने पर गर्व है. मैं अपने देश में हर त्योहार को मानती हूं और यह एक व्यक्तिगत पसंद है.' उन्होंने कहा, 'प्यार, शेयरिंग और सहानुभूति का कोई धर्म नहीं होता. हमारे आसपास की सकारात्मकता को हमें स्वीकार करना चाहिए और हर तरह की नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए.'
Love , sharing & empathy have no religion - let’s accept all positivity around us & stay away from negative thoughts & demotivating energies ! @ShefVaidya
— AMRUTA FADNAVIS (@fadnavis_amruta) 12 दिसंबर 2017