भ्रष्टाचार का अड्डा बना BMC! 2000 कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश
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भ्रष्टाचार का अड्डा बना BMC! 2000 कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश

 शहरी विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 261 विभिन्न विभागों से जुड़े 2001 बीएमसी कर्मचारियों के खिलाफ जांच लंबित हैं.

बीएमसी पार्षदों ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर शिकायत की थी.(फाइल फोटो)

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई नगर निगम को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के आरोपी 2001 निकाय कर्मचारियों और अधिकारियों की जांच के निर्देश दिए हैं. शहरी विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 261 विभिन्न विभागों से जुड़े 2001 बीएमसी कर्मचारियों के खिलाफ जांच लंबित हैं. उन्होंने कहा कि बीएमसी पार्षदों ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि करीब एक हजार अधिकारियों की फाइलों को जानबूझकर गुम कर दिया गया ताकि उनके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो सके.

  1. 2001 बीएमसी कर्मचारियों के खिलाफ जांच लंबित हैं.
  2. बीएमसी ने बताया कि कोई भी फाइल गुम नहीं हुई है
  3. पार्षदों ने मांग की कि सरकार जांच में विलंब का संज्ञान ले 

उन्होंने कहा, ‘‘ बहरहाल, जब उनसे जवाब मांगा गया तो बीएमसी ने हमें बताया कि कोई भी फाइल गुम नहीं हुई है. ’’ अधिकारी ने बताया, ‘‘ पार्षदों ने मांग की कि सरकार जांच में विलंब का संज्ञान ले और बीएमसी से उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहे. ’’ 

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महाराष्ट्र में सामने आया 'चूहा घोटाला
आपको बता दें कि 23 फरवरी को महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने महाराष्ट्र में 'चूहा घोटाला' का पर्दाफाश किया था. गुरुवार को खडसे ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रालय के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्रशासन के पास है और इसके प्रमुख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं.

वरिष्ठ बीजेपी नेता ने विधानसभा में कहा था कि मंत्रालय में एक सप्ताह में 3 लाख से ज्यादा चूहे मारे गए हैं, इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय में चूहे मारने के लिए लाई गई दवा को पीकर ही धर्मा पाटील नाम के किसान ने आत्महत्या की थी. खडसे ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की थी. 

खड़के के आरोपों से सदन में हड़कंप मच गया. खड़से ने कहा कि बीएमसी दो साल में छह लाख चूहे मारती है और मंत्रालय ने मात्र सात दिन में तीन लाख से ज्यादा चूहे मार दिए. साल 2016 में एक निजी संस्था को दिए ठेके की शर्तों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 6 महीने में मंत्रालय के चूहे खत्म करने थे लेकिन यह काम महज 7 दिन में निपटा दिया गया. यह कारनामा कैसे हुआ इसकी जांच होनी चाहिए.  

इनपुट भाषा से भी 

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