बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी.
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नई दिल्ली (महेश गुप्ता): शिरडी स्थित विश्वप्रसिद्ध साईं मंदिर से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत दी. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक फिलहाल शिरडी साईं बाबा ट्रस्ट का प्रशासन महाराष्ट्र सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ही संभालेगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार की कमेटी को भंग करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी के सदस्यों पर आपराधिक मामले लंबित थे. जिसके चलते हाईकोर्ट ने कमेटी को भंग करने के आदेश दिए थे.
महाराष्ट्र सरकार ने की थी सुप्रीम कोर्ट में अपील
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कमेटी को भंग करने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी. ताजा जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि फिलहाल महाराष्ट्र सरकार की कमेटी ही शिरड़ी साईं बाबा ट्रस्ट की कमान संभालेगी.
कौन थे साईं बाबा
शिरडी के साईं बाबा एक भारतीय धार्मिक गुरु थे, जिन्हें उनके भक्त संत, फकीर और सतगुरु के नाम से भी पुकारते थे. साईं बाबा के हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों में भक्त थे और वे उन्हें पूजते थे. साईं बाबा की मृत्यु के बाद भी आज भी हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग उन्हें पूजते हैं. साईं बाबा की किसी एक समाज में प्रतिष्ठा नहीं है. उन्होंने अपने आप को एक सच्चे सद्गुरु को समर्पित कर दिया था. लोग साईं बाबा को भगवान का अवतार ही समझते थे.
रोजाना दान में मिलता है डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा का दान
महाराष्ट्र के कानून एवं न्याय विभाग द्वारा पिछले साल मंदिरों को मिलने वाले चंदे और उनके खर्च पर एक रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर को रोजाना 25 लाख रुपये से ज्यादा और शिरडी स्थित साईं बाबा मंदिर को डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा रोजाना दान के रूप में मिलते हैं.