पुणे पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में हाल में गिरफ्तार किये गए कुछ वामपंथी कार्यकर्ता जिन संगठनों से जुड़े हैं, वे सातों संगठन प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के मुखौटे हैं.
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मुंबई: पुणे पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में हाल में गिरफ्तार किये गए कुछ वामपंथी कार्यकर्ता जिन संगठनों से जुड़े हैं, वे सातों संगठन प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के मुखौटे हैं. पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में पुणे में हुए एलगार परिषद सम्मेलन के पीछे कथित माओवादी संबंध की जांच के दौरान 10 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. शनिवार को प्रकाशित एक मीडिया खबर के मुताबिक आठ गिरफ्तार कार्यकर्ता जिस संगठन से जुड़े हैं, उनमें से सिर्फ एक को गैरकानूनी घोषित किया गया है. पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हालांकि, सभी सातों संगठन 2009 में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की ‘‘संस्थाएं और मुखौटा संगठन’’ हैं.
भाकपा की सभी शाखाएं प्रतिबंधित- पुलिस
पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त शिवाजीराव बोडके ने केंद्र सरकार के 22 जून 2009 के राजपत्र का हवाला देते हुए कहा कि भाकपा (माओवादी) पर प्रतिबंध उसकी सभी शाखाओं को भी प्रतिबंधित करता है. राजपत्र में कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार यह आदेश देती है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और उसकी सभी संरचनाएं और मुखौटा संगठन आतंकवादी संगठन हैं.’’ पुलिस के मुताबिक तेलुगु कवि वरवर राव कथित तौर पर रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) से जुड़े हैं जिसे कथित तौर पर भाकपा (माओवादी) के मुखौटा संगठन होने की वजह से आंध्रप्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में गैरकानूनी घोषित किया गया है.
सभी कार्यकर्ता प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े हैं- पुलिस
इसके अलावा गौतम नवलखा कथित तौर पर पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) और सुधा भारद्वाज तथा सुरेंद्र गडलिंग इंडियन असोसिएशन ऑफ पीपल्स लायर्स से जुड़ी हैं. रोना विल्सन कथित तौर पर कमिटी फॉर द रिलीज ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स, शोमा सेन कमिटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स,सुधीर धनवाले रिपब्लिकन पैंथर्स और महेश राउत विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन से जुड़े हैं. पुलिस ने कहा कि वेरनन गोंसाल्वेज और अरूण फरेरा कथित तौर पर भाकपा (माओवादी) की महाराष्ट्र स्टेट समिति से जुड़े हैं.
(इनपुट भाषा से)