बालासाहेब की स्मृति सभा में फडणवीस के सामने नारेबाजी, 'सरकार किसकी? शिवसेना की'
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शिवसेना के दिवंगत नेता बाल बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देने शिवाजी पार्क पहुंचे थे.
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मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) गठबंधन में तनाव के बीच इस बारे में चर्चा थी कि क्या भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) शिवसेना के दिवंगत नेता बाल बालासाहेब ठाकरे (BalaSaheb Thackeray) की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए जाएंगे? लेकिन फडणवीस ने अन्य भाजपा नेताओं की तरह ही शिवाजी पार्क जाकर बालासाहेब को श्रद्धासुमन अर्पित किए. हालांकि, उस दौरान वहां मौजूद शिवसैनिकों ने नारेबाजी करके असहज स्थिति पैदा कर दी.
पूर्व सीएम फडणवीस श्रद्धांजलि देकर जब शिवाजी पार्क से लौट रहे थे तभी बड़ी संख्या में मौजूद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने 'सरकार किसकी?...शिवसेना की...शिवसेना' जैसे नारे लगाना शुरू कर दिए. हालांकि, वहां मौजूद पुलिसबल ने मौके की नजाकत को भांपते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को आनन-फानन में कार से रवाना किया.
#WATCH Maharashtra: Slogan of "Sarkar kunauchi? Shiv Sena chi" (Whose government? Shiv Sena's) raised by Shiv Sena workers, when BJP leader Devendra Fadnavis was leaving after paying tributes to Balasaheb Thackeray on his death anniversary today, in Mumbai. pic.twitter.com/AbsA5Gm1f5
— ANI (@ANI) November 17, 2019
दरअसल, महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति के कद्दावर नेता रहे बाला साहेब ठाकरे की आज पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर शिवसेना के अलावा बीजेपी नेताओं ने भी दिवंगत ठाकरे को श्रद्धांजलि दी. इस दिन देवेंद्र फडणवीस ने बाला ठाकरे के लिए ट्विटर पर लिखा कि हमारे प्रेरणा के स्त्रोत हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे को शत-शत प्रणाम.
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महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही कड़वड़ाहट के बीच फडणवीस ने बालासाहेब के भाषणों का एक वीडियो ट्वीट किया है. इसमें पूर्व सीएम ने लिखा- ''आदरणीय बालासाहेब ने हम सबको स्वाभिमान का संदेश दिया था.''
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने बाला साहेब के पुराने भाषणों के जरिए शिवसेना पर अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसा है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पद पर 50-50 फॉर्मूले को लेकर बीजेपी से सहमति न बनने पर शिवसेना अब अपनी सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी को छोड़कर विरोधी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए तैयार है.
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