आदर्श घोटाला: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण
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आदर्श घोटाला: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुये सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। चव्हाण ने उच्च न्यायालय से करोड़ों रुपये के आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में आरोपियों की सूची से उनका नाम हटाने से इंकार करने के आदेश को वापस लेने की मांग की थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।

नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुये सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। चव्हाण ने उच्च न्यायालय से करोड़ों रुपये के आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में आरोपियों की सूची से उनका नाम हटाने से इंकार करने के आदेश को वापस लेने की मांग की थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।

न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ अशोक चव्हाण की याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई के लिये आज तैयार हो गयी। न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के वकील से कहा कि वह निचली अदालत में इस मामले में हो रही सुनवाई स्थगित कराएं। चव्हाण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद ने उच्च न्यायालय के आदेश की आलोचना की। सिब्बल ने कहा कि मुझे इस आदेश से समस्या है। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि अपराध का (चव्हाण के खिलाफ) संज्ञान नहीं लिया गया है। उच्च न्यायालय कहता है कि इसका संज्ञान लिया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय का यह आदेश ‘त्रुटिपूर्ण है’ कि इस अपराध का संज्ञान लिया जा चुका है क्योंकि अपराध का संज्ञान लिये जाने की स्थिति में निचली अदलात को समन जारी करना होगा और इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। सिब्बल ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण कानून की धारा 13 (1) (डी) की संवैधानिक वैधानिकता को चुनोती देते हुये अलग से याचिका दायर की गयी है। इसी प्रावधान के तहत चव्हाण पर भी आरोप है। यह याचिका शीर्ष अदालत में इस आधार पर लंबित है कि क्या आरोपी की ऐसा अपराध करने की मंशा के बगैर ही इसे लागू किया जा सकता है।

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