मुंबई: कोई बेघर ना रात को बना पाए बैंक के फर्श को घर इसलिए लगावा दी गईं कीलें
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मुंबई: कोई बेघर ना रात को बना पाए बैंक के फर्श को घर इसलिए लगावा दी गईं कीलें

लोगों का कहना है कि दिन में कई फुटपाथ के दुकानदार यहां पर आकर बैठते थे, ताकि थोड़ी देर के लिए उन्हें धूप से राहत मिल सके. लोगों का आरोप है कि दुकानदार यहां पर ना बैठ सके इसलिए बैंक की ओर से यह कदम उठाया गया है. 

बैंक की ब्रांच के बाहर लगाई गई कीलों की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. (फोटो साभार : ANI)

मुंबई: एचडीएफसी बैंक के एक फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, एचडीएफसी बैंक ने मुंबई के फोर्ट इलाके में अपने गेट के फर्श के बाहर कील लगावा दी है, ताकि रात को कोई भी सड़क चलता इंसान वहां पर सो ना सके. ये कील इतनी खतरनाक है कि किसी को भी जख्मी कर सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ये कीलें तीन इंच तक लंबी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन में कई फुटपाथ के दुकानदार यहां पर आकर बैठते थे, ताकि थोड़ी देर के लिए उन्हें धूप से राहत मिल सके. लोगों का आरोप है कि दुकानदार यहां पर ना बैठ सके इसलिए बैंक की ओर से यह कदम उठाया गया है. 

  1. बीएमसी बैंक को नोटिस जारी करेगी
  2. एचडीएफसी बैंक ने मांफी मांगी है
  3. सुरक्षा कारणों से लगाई थी कीलें : बैंक

बीएमसी बैंक को भेजेगी नोटिस
वहीं, इस मामले पर बीएमसी का कहना है कि दुकानों के आगे कीलें लगाना कोई गैर कानूनी काम नहीं है, क्योंकि यह फुटपाथ पर नहीं है. बीएमसी की ओर से कहा गया है कि वह एचडीएफसी बैंक को नोटिस भेजेंगे, क्योंकि इस तरह की कीलें लगवाने के लिए किसी तरह की इजाजत नहीं ली गई है. 

 

 

 

बैंक ने दी सफाई
बैंक के बाहर कीलें लगने की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद बैंक की ओर से सफाई दी गई है. बैंक ने सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि यह बैंक में कुछ काम चल रहा था, किसी तरह का नुकसान नो इसलिए कीलें लगवाई गई थी. जल्द ही इन्हें हटवा लिया जाएगा. अपने बयान में बैंक ने कहा कि फोर्ट ब्रांच के बाहर लोहे की कील लगाने से लोगों को हो रही असुविधा के लिए हम मांफी मांगते हैं.

 

 

मुंबई में बड़ा है बेघरों का आकंड़ा
बता दें कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक मुंबई की जनसंख्या 1 करोड़ 84 लाख है, जिसमें 57 हजार से ज्यादा लोगों के पास अपने घर नहीं है या फिर वह सड़कों पर जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. इतना ही नहीं मुंबई में बेघरों के लिए सिर्फ 9 शेल्टर होम हैं.

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