कांग्रेस ने 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' के मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय बैठक से दूरी बनाई. कांग्रेस को उस समय पर तगड़ा झटका लगा जब मुंबई इकाई के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराने के विचार का बुधवार को समर्थन करते हुए दिखाई दिए.
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मुंबई: कांग्रेस ने बुधवार को 'एक राष्ट्र - एक चुनाव' के मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय बैठक से दूरी बनाई. कांग्रेस को उस समय पर तगड़ा झटका लगा जब मुंबई इकाई के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराने के विचार का बुधवार को समर्थन करते हुए दिखाई दिए. उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की बात कही. देवड़ा ने एक ट्वीट भी किया. देवड़ा के मुताबिक, निरंतर चुनाव की मुद्रा में रहना सुशासन में अवरोधक है और वास्तविक मुद्दों से नेताओं का ध्यान भटकता है. उन्होंने कहा, "हमें यह बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए कि देश में 1967 तक देश में एक साथ ही चुनाव होते थे."
देवड़ा ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को एक 'महत्वपूर्ण और मूल्यवान सुधार' बताते हुए कहा कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर और बुद्धिजीवी वर्ग, चुनाव सुधारों पर काम कर रहे संगठनों तथा छात्रों की राय लेकर इस पर फैसला करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श किया.
My personal views on the ongoing #OneNationOneElection debate pic.twitter.com/dUxP5BeJ80
— Milind Deora (@milinddeora) June 19, 2019
देवड़ा ने एक बयान में कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत का राजनीतिक वर्ग, जिसका मैं एक हिस्सा हूं, तेजी से बहस, चर्चा और संवाद की कला को भूल रहा है। मेरी राय में यह भारत की लोकतांत्रिक प्रकृति के लिए गंभीर खतरा है." उन्होंने कहा, "पूर्व सांसद होने के नाते मैं मानता हूं कि लगातार होने वाले चुनावों की वजह से सुशासन में परेशानियां आती हैं और राजनेताओं का असल मुद्दों से ध्यान भटकता है." देवड़ा के बयान से पार्टी के सामने असहज स्थिति पैदा हो गई है.