मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने किया खुद को ‘नजरबंद’ रखे जाने का दावा, पुलिस का इनकार
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मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने किया खुद को ‘नजरबंद’ रखे जाने का दावा, पुलिस का इनकार

मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने पुलिस द्वारा उन्हें नजरबंद किए जाने का दावा किया, लेकिन पुलिस ने उनके इस आरोप को खारिज किया है। निरूपम की रविवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसभा स्थल पर पार्टी कार्यकर्ताओं के ‘मौन’ मार्च का नेतृत्व करने की योजना थी।

मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने किया खुद को ‘नजरबंद’ रखे जाने का दावा, पुलिस का इनकार

मुंबई : मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने पुलिस द्वारा उन्हें नजरबंद किए जाने का दावा किया, लेकिन पुलिस ने उनके इस आरोप को खारिज किया है। निरूपम की रविवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसभा स्थल पर पार्टी कार्यकर्ताओं के ‘मौन’ मार्च का नेतृत्व करने की योजना थी।

मुंबई पुलिस ने कहा कि निरूपम के घर के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती कुछ बड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर शहरभर में किए गए सुरक्षा प्रबंधों का हिस्सा थी।

निरूपम ने कहा, ‘मेरे घर के बाहर भारी पुलिस बंदोबस्त है और मुझे बाहर जाने से रोका जा रहा है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्षी नेताओं को असल में नजरबंद रखा जा रहा है।’ निरूपम के आरोप के बारे में पूछे जाने पर मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी अशोक दूधे ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूरे शहर में पुलिसकर्मी तैनात किए हैं, खासकर प्रधानमंत्री के काफिले के मार्ग पर।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ ज्वलंत मुद्दों को उठाने के लिए मोर्चे की शांतिपूर्ण मार्च निकालने की योजना थी।

इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने निरूपम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई को लोकतंत्र पर ‘धब्बा’ करार दिया तथा कहा कि इससे भाजपा की ‘फासीवादी’ मनोवृत्ति का पता चला है। चव्हाण ने अपने बयान में कहा, ‘विपक्षी दलों की आवाज को दबाना भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है और यह अत्यंत निन्दनीय है। कांग्रेस विमुद्रीकरण के फैसले के खिलाफ केवल मौन प्रदर्शन की बात कर रही थी, लेकिन प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस मशीनरी का इस्तेमाल हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को घोंटने जैसा है।’ 

उन्होंने कहा, ‘इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा फासीवादी मनोवृत्ति की पार्टी है। हमें सरकार के फैसले के खिलाफ बोलने का अधिकार है, लेकिन भाजपा लोकतंत्र और इसके सिद्धांतों में विश्वास नहीं करती।’ चव्हाण ने कहा कि बार-बार विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है और जो भी लोग सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं, उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी’ करार दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘संजय निरूपम पर पुलिस कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा था। लेकिन विपक्ष झुकने वाला नहीं है, हम अन्याय के खिलाफ आंदोलन करते रहेंगे।’

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