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मुंबई : महाराष्ट्र में सूखे जैसी स्थिति को ‘गंभीर मुद्दा’ करार देते हुए बंबई हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट से पहले पिचों के रखरखाव के लिए पानी के इस्तेमाल के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान गौर करने की जरूरत है।
इसी तरह की एक अन्य जनहित याचिका हाई कोर्ट में मंगलवार को पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर ने भी दायर की जिसमें आईपीएल आयुक्त को पानी पर कर देने का निर्देश देने को कहा गया है क्योंकि पिचों के रखरखाव के लिए रोजाना लगभग 60 हजार लीटर पानी की जरूरत होती है। न्यायमूर्ति वीएम कनाडे की अगुआई वाली खंडपीठ एनजीओ ‘लोकसत्ता मूवमेंट’ की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आईपीएल मैचों का आयोजन करने वाले राज्य के तीन स्टेडियमों में पिचों के रखरखाव पर लगभग 60 लाख लीटर पारी के इस्तेमाल को चुनौती दी गई है।
हाई कोर्ट ने कहा, 'यह गंभीर मुद्दा है और हमें इसे देखने की जरूरत है।' याचिका के अनुसार राज्य को सूखे का सामना करना पड़ रहा है और पानी की काफी कमी है क्योंकि बांधों और नहरों में पानी का स्तर कम हो गया है। मुंबई क्रिकेट संघ ने सोमवार को हाई कोर्ट से कहा कि आईपीएल मैचों के टिकट पहले ही बिक चुके हैं और अगर मैचों को रद्द किया गया तो काफी नुकसान होगा। अदालत ने इस जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार रखी है और सभी प्रतिवादियों से जवाब मांगा है जिसमें महराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम, विदर्भ क्रिकेट संघ, महाराष्ट्र सरकार और मुंबई और नागपुर के नगर निकाय शामिल हैं।