विदर्भ संकट: बारिश से तबाह हुई 50 हजार हेक्टेयर की फसल
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विदर्भ संकट: बारिश से तबाह हुई 50 हजार हेक्टेयर की फसल

बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि के कारण इस साल विदर्भ क्षेत्र में करीब 50,000 हेक्टेयर भूमि पर लगी रबी की फसल तबाह हो गई जिसके कारण एक लाख किसान प्रभावित हुए जबकि गहराते कृषि संकट के बीच किसानों की खुदकुशी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

नागपुर : बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि के कारण इस साल विदर्भ क्षेत्र में करीब 50,000 हेक्टेयर भूमि पर लगी रबी की फसल तबाह हो गई जिसके कारण एक लाख किसान प्रभावित हुए जबकि गहराते कृषि संकट के बीच किसानों की खुदकुशी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मार्च में बारिश और ओलावृष्टि से पश्चिमी विदर्भ की 28,233 हेक्टेयर सहित क्षेत्र में करीब 49,042 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई। पश्चिमी विदर्भ में अमरावती संभाग में पांच जिले शामिल हैं।

हाल में राजस्व अधिकारियों ने अमरावती और नागपुर संभाग दोनों में क्षति के आकलन के लिए सर्वेक्षण किया था। इसके बाद आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आत्महत्या संभावित पूरे क्षेत्र में इससे प्रभावित किसानों की कुल संख्या करीब 98,384 आंकी गई। इसी तरह से पूर्वी विदर्भ में नागपुर संभाग के छह जिलों में सबसे अधिक 54,962 किसानों पर असर पड़ा। सर्वेक्षण का संचालन करने वाले उपसंभागीय आयुक्त (राजस्व) रवींद्र ठाकरे ने बताया कि अक्सर विदर्भ की ‘आत्महत्या राजधानी’ के तौर पर दर्शाया जाने वाला यवतमाल जिला सूची में शीर्ष पर रहा, जहां बारिश के कारण करीब 11,066 हेक्टेयर में खासकर गेहूं की 50 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हुई। ठाकरे ने कहा कि यवतमाल जिला के बाद अमरावती में 7,7551 हेक्टेयर और 16,173 किसान प्रभावित हुए हैं, जबकि वाशीम एवं अकोला जिलों में क्रमश: करीब 4,177 हेक्टेयर भूमि के साथ 15,145 किसान तथा 3,518 हेक्टेयर के साथ 4,216 किसान प्रभावित हुए।

राजस्व विभाग के उपायुक्त प्रदीप डांगे ने बताया कि 2,340.87 हेक्टेयर की भूमि में नारंगी, आम, केला, पपीता की फसल तबाह हुई और करीब 3,416 उत्पादक प्रभावित हुए।

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