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मुंबई : शिवसेना और भाजपा के बीच दरार दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। अब शिवसेना के नेता संजय राउत ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा है कि उनकी पार्टी सत्ता में है लेकिन सरकार उनकी नहीं है और वे नीति निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं।
गरीबी के चलते लातूर की एक लड़की द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या किए जाने के मामले को लेकर राउत ने देवेन्द्र फडणवीस सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री का प्रशासन पर नियंत्रण होना चाहिए।
लातूर में भीषण गरीबी के चलते आत्महत्या करने वाली 16 वर्षीय किशोरी स्वाति पिटाले के परिवार से मुलाकात के बाद राउत ने बीती शाम मीडियाकर्मियों से बातचीत की।
उन्होंने कहा, ‘यह पार्टी का रुख है। संजय राउत और पार्टी अलग-अलग नहीं हैं। यह बहुत परेशान करने वाली बात है। यह आत्महत्या कोई ऐसी बात नहीं है जो प्रगतिशील महाराष्ट्र की तस्वीर पेश करती हो।’ शिवसेना नेता ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा, ‘हम सरकार में हैं लेकिन सरकार हमारी नहीं है। नीति निर्माण प्रक्रिया में शामिल रहने वाले कई महत्वपूर्ण विभाग शिवसेना के पास नहीं हैं।’
हालांकि दरकिनार किए जाने के बावजूद सरकार में बने रहने को उचित ठहराते हुए राउत ने कहा, ‘हमने कांग्रेस और राकांपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और हम चाहते हैं कि इनमें से किसी भी पार्टी को सरकार बनाने का एक और मौका नहीं मिलना चाहिए। इसलिए हम सरकार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।’ राउत ने कहा कि जिनके पास (भाजपा) राजस्व, गृह, वित्त, कृषि, शिक्षा, सामाजिक न्याय जैसे मंत्रालय हैं, वे सरकार चला रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘यदि पिछली सरकार अच्छे काम कर रही थी तो उन्हें सत्ता से बाहर नहीं किया जाता। हम महसूस करते हैं कि इस सरकार को बचाए जाने की जरूरत है।’ शिवसेना नेता ने कहा, ‘महत्वपूर्ण बात यह है कि जो कुछ हो रहा है, जनता उसे कैसे देख रही है। इससे कहीं बेहतर तरीके से काम हो सकता है। सेना को राज्य चलाने का सबसे अधिक अनुभव है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रशासन पर मुख्यमंत्री का नियंत्रण होना चाहिए।’ काफी विश्वास भरे शब्दों में राउत ने कहा कि यदि आज चुनाव हो जाएं तो शिवसेना को पूर्ण बहुमत मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा और हमें किसी बाहरी मदद की जरूरत नहीं होगी। लोग अब विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे शिवसेना को वोट दे सकें।’