जलकर राख हो जाएंगे दुश्मन, बंकर में ही बन जाएगी उनकी कब्र, कितने खतरनाक हैं शत्रुनाश और अग्निअस्त्र?
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जलकर राख हो जाएंगे दुश्मन, बंकर में ही बन जाएगी उनकी कब्र, कितने खतरनाक हैं शत्रुनाश और अग्निअस्त्र?

Indian Armed Forces: बीते दिन भारतीय सशस्त्र बलों ने स्वनिर्मित 'शत्रुनाश' और 'अग्निअस्त्र' को अपने खेमे में शामिल किया है. जिसकी काफी ज्यादा चर्चा है. इन तकनीकों को बनाने में अहम योगदान देने वाले मेजर राजप्रसाद आर.एस. को 2024-25 के लिए एनएसजी काउंटर आईईडी इनोवेटर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. 

जलकर राख हो जाएंगे दुश्मन, बंकर में ही बन जाएगी उनकी कब्र, कितने खतरनाक हैं शत्रुनाश और अग्निअस्त्र?

Agni Astra: ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. उसकी काफी ज्यादा चर्चा हो रही है. न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के देश भारत की युद्ध प्रणाली की प्रशंसा कर रहे हैं. बीते दिन भारतीय सशस्त्र बलों ने स्वनिर्मित 'शत्रुनाश' और 'अग्निअस्त्र' को अपने खेमे में शामिल किया है. जिसकी काफी ज्यादा चर्चा है. इन तकनीकों को बनाने में अहम योगदान देने वाले मेजर राजप्रसाद आर.एस. को 2024-25 के लिए एनएसजी काउंटर आईईडी इनोवेटर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. 

क्या है अग्निअस्त्र
यह एक मल्टी टारगेट पोर्टेबल रिमोट डेटोनेशन सिस्टम है. जो लंबी दूरी से या एक साथ कई लक्ष्यों को फायर कर सकता है. इसकी रेंज 10 किमी तक है. इसके जरिए मैन्युअली भी निशाना साधा जा सकता है. या फिर यूजीवी का उपयोग करके दूर से डिलीवर किया जा सकता है. यह दूर से ही दुश्मन के बंकर, पुल और किलेबंदी को तोड़ सकता है और लंबी दूरी से कई लक्ष्यों पर हमला कर सकता है.

क्या है शत्रुनाश
शत्रुनाश एक हैंडहेल्ड यानि की हाथ में पकड़ने वाला हाथियार है. यह बिना किसी शारीरिक नुकसान के आईईडी, ड्रोन, वाहन और किसी भी इलेक्ट्रॉनिक-आधारित लक्ष्य को निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह हाई-पावर माइक्रोवेव रेडिएशन का इस्तेमाल करती है. जिसकी काफी ज्यादा चर्चा है.

इस तकनीकों को बनाने में मुख्य भूमिका बनाने वाले मेजर राजप्रसाद आर.एस. भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के मेजर जनरल राजप्रसाद को वर्ष 2024-25 के लिए एनएसजी काउंटर आईईडी इनोवेटर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के दौरान उन्हें दो यांत्रिक कृतियों के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया. यह मेजर रामप्रसाद का दूसरा एनएसजी सम्मान है.

अब तक राजप्रसाद ने 12 से अधिक सामरिक नवाचार विकसित किए हैं, जिनमें से चार को पहले ही भारतीय सेना में शामिल किया जा चुका है. बता दें कि उनके आविष्कारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों सहित शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों के सामने भी प्रदर्शित किया जा चुका है. इससे पहले, अधिकारी द्वारा विकसित WEDC (वायरलेस इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेशन सिस्टम) नामक एक अन्य नवाचार को शामिल किया गया था. 

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