पंजाब: गर्ल्स स्कूलों में नहीं पढ़ा सकेंगे 50 साल से कम उम्र के पुरुष टीचर
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पंजाब: गर्ल्स स्कूलों में नहीं पढ़ा सकेंगे 50 साल से कम उम्र के पुरुष टीचर

माना जा रहा है कि हाल के दिनों में स्कूलों में सामने आई छेड़छाड़ की घटनाओं के कारण इस तरह का फैसला लिया गया है.

स्कूलों को 5 जोन में बांटा गया. (प्रतीकात्मक फोटो)

चंडीगढ़. पंजाब की शिक्षा विभाग की नई नीति के तहत अब गर्ल्‍स स्कूलों में 50 साल से कम उम्र के पुरुष शिक्षकों की भर्ती नहीं की जाएगी. पंजाब शिक्षा विभाग ने बुधवार को नई एजुकेशन पॉलिसी जारी किया, जिसमें यह बात कही गई है. कहा जा रहा है कि हाल के दिनों में स्कूलों में सामने आई छेड़छाड़ की घटनाओं के कारण इस तरह का फैसला लिया गया है. हालांकि, अभी विभाग ने इसे लेकर किसी तरह का स्पष्ट नहीं दिया है. वहीं सरकार के इस फैसले पर अध्यापकों की मिली जुली राय सामने आई है.

  1. पंजाब शिक्षा विभाग ने जारी की नई एजुकेशन पॉलिसी
  2. गर्ल्‍स स्कूलों में 50 साल से कम उम्र के पुरुष शिक्षक नहीं होंगे
  3. टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी में भी कई बड़े बदलाव

अमृतसर के सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल का मानना है ''यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को देखते हुए ही सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है. लेकिन इसके साथ ही सरकार को समाज में फैली कुरीतियों और इस तरह की मानसिकता वाले लोगों को पहचान कर उनके उपचार के लिए भी जरूरी कदम उठाने चाहिए. क्योंकि यदि किसी व्यक्ति की मानसिकता खराब है, तो इससे उससी उम्र का कोई तालुक्क नहीं है.''

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स्कूलों को 5 जोन में बांटा
नई नीति के अनुसार स्कूलों को पांच जोन में बांटा गया है. जोन 1 में जिला स्तर स्थित नगर काउंसिल, नगर निगम की हद में आने वाले स्कूलों को शामिल किया गया है. जोन 2 में जिला स्तर स्थित नगर काउंसिल की हद (जहां काउंसिल की हद खत्म होती है) से 10 किलोमीटर के घेरे में आने वाले स्कूलों को शामिल किया गया है. इसी तरह जोन 3 में तहसील स्तर पर स्थित नगर काउंसिल की हद से पांच किलोमीटर के घेरे में आने वाले स्कूल, जोन 4 में राष्ट्रीय और राज मार्गों के 250 मीटर के घेरे में आने वाले स्कूल शामिल हैं। बाकी बचे स्कूलों को जोन पांच में शामिल किया गया है.
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ट्रांसफर पॉलिसी में भी बदलाव
तबादला करवाने के लिए शिक्षक को एक जोन में 7 साल तक पढ़ाना अनिवार्य होगा. शिक्षा विभाग की तरफ से तय किए गए 200 अंकों में से कम से कम 85 अंक लेने वाले पुरुष शिक्षकों को ही भर्ती में पहल दी जाएगी. वहीं महिला अध्यापक को कम से कम 50 अंक लेने पड़ेंगे. शिक्षा विभाग की तरफ से बनाई गई 'टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी 2018' 1 अप्रैल 2018 से लागू हो जाएगी.

शिक्षा विभाग की तरफ से यह फैसला शिक्षको के ट्रांसफर में पारदर्शिता लाने के लिए लिया गया है. अधिकारियों का मानना है कि इससे शिक्षा के स्तर में भी सुधार आएगा. खास बात यह है कि अगर कोई अध्यापक ट्रांसफर करवाने के लिए किसी तरह का दबाव बनाएगा, तो उसके खिलाफ विभागीय और सर्विस रूल के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. ठीक इसी तरह अध्यापक की किसी भी तरह की शिकायत का 15 दिनों के भीतर निपटारा किया जाएगा. 

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स्कूल अपग्रेड करने का फैसला दिसंबर में होगा
पंजाब में नया स्कूल खोलने, स्कूल को अपग्रेड करने, नया विषय लागू करने, नया सिलेबस या नया ग्रुप शुरू करने के बारे में फैसला साल में एक बार 1 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच लिया जाएगा.

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