पुरोहित ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत उस पर मुकदमा चलाने के लिये दी गयी मंजूरी को चुनौती दी है.
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में अभियुक्त लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित की याचिका पर सोमवार को महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेन्सी से जवाब मांगा. पुरोहित ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत उस पर मुकदमा चलाने के लिये दी गयी मंजूरी को चुनौती दी है. न्यायमूर्ति आर. अग्रवाल और न्यायमूर्ति एसएम सप्रे की पीठ ने पुरोहित की याचिका पर राज्य सरकार और जांच एजेन्सी से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.पुरोहित ने इस मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है.
बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल 18 दिसंबर को समीर कुलकर्णी के साथ ही पुरोहित की याचिका भी खारिज कर दी थी. ये दोनों 2008 के मालेगांव बम विस्फोट कांड में अभियुक्त हैं. पुरोहित और कुलकर्णी ने उच्च न्यायालय से कहा था कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत मुकदमे की अनुमति देने वाले राज्य के विधि एवं न्यायपालिका विभाग को सक्षम प्राधिकार से रिपोर्ट मंगानी चाहिए थी.
Malegaon Blast case - Supreme Court issued notice to NIA and Maharashtra government after hearing the appeal filed by Col Srikant Purohit seeking discharge from the UAPA case.
— ANI (@ANI) January 29, 2018
पुरोहित ने यह दलील भी दी थी कि उसके मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी जनवरी, 2009 में दी गयी थी लेकिन प्राधिकार की नियुक्ति अक्तूबर, 2010 में हुयी थी. इस समय पुरोहित और कुलकर्णी दोनों ही जमानत पर हैं. मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुये इस विस्फोट में छह व्यक्ति मारे गये थे ओर 101 अन्य जख्मी हो गये थे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)