Lok Sabha Election 2024: मिशन लोकसभा चुनाव 2024 और विपक्षी एकता (Opposition Unity) के लिए आज पटना (Patna) में विपक्षी दलों की बैठक होने होने जा रही है. जेडीयू (JDU) सहित 18 बड़ी पार्टियों के नेता इस बैठक में शामिल होंगे. विपक्षी बैठक से पहले आरजेडी (RJD) का लालटेन शो किया है. पटना में आरजेडी कार्यकर्ता ने लालटेन को लेकर शो किया. ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और एमके स्टालिन जैसे नेता पटना पहुंच चुके हैं. वहीं कुछ और नेताओं के पटना पहुंचने का सिलसिला जारी है. 2024 में होने वाले आम चुनाव से ठीक पहले ये बैठक अहम मानी जा रही है. लेकिन सवाल अब भी जस का तस है कि आखिर विपक्षी दलों की ओर से मोदी के खिलाफ चेहरा कौन होगा? क्या किसी एक नाम पर सहमति बन जाएगी या फिर चुनाव नजदीक आते-आते ये दल बिखर जाएंगे. दिल्ली और पंजाब में धुर विरोधी आप और कांग्रेस कैसे साथ आएंगे? मीटिंग से पहले ही कांग्रेस चीफ खरगे का बड़ा बयान सामने आया है.


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2024 से पहले ही क्या बिखर जाएगा विपक्ष?


विपक्षी दलों की बैठक में 2024 चुनाव के लिए सभी दलों के बीच आपसी सहमति बनाने की कोशिश होगी. लेकिन उससे पहले कई मुद्दे ऐसे हैं जिन्हें लेकर ये दल आपस में एकमत नजर नहीं आते. यही वजह है कि विपक्षी एकता की बात तो अक्सर होती है लेकिन चुनाव आते-आते ये सारे दल बिखर जाते हैं. इस बार भी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहले दिल्ली सरकार के खिलाफ आए अध्यादेश पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल ने ये भी शर्त रखी थी कि कांग्रेस पहले अध्यादेश पर रुख स्पष्ट करे, तभी वो बैठक में शामिल होंगे.


खरगे की केजरीवाल को सलाह


केजरीवाल के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कर दिया है कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यादेश के मुद्दे पर बात करने के मूड में नहीं है.. उन्होंने कहा कि यह सब सदन के अंदर होता है, जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय करेंगी.


इस मांग पर अड़े केजरीवाल


आम आदमी पार्टी के 'अध्यादेश पर कांग्रेस का सपोर्ट न मिलने पर वॉकआउट करने' वाले बयान पर कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को ये पता होगा कि अध्यादेश का सपोर्ट या विरोध बाहर नहीं होता, ये सबकुछ सदन के अंदर होता है. जब संसद शुरू होगी तो सभी पार्टियां मिलकर एजेंडा तय कर लेंगी.


क्या एकजुट हो पाएगा विपक्ष?


जान लें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे , नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला भी इस बैठक में शामिल होने वाले हैं. वहीं NCP प्रमुख शरद पवार बैठक में शामिल होने के लिए NCP की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के साथ पुणे से पटना के लिए रवाना हुए. उन्होंने बैठक को लेकर कहा कि देश के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बैठक की जा रही है.


वहीं विपक्ष की बैठक को लेकर बीजेपी लगातार निशाना साध रही है. उधर बीजेपी पर पलटवार करते हुए जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा है कि बीजेपी मोदी चालीसा में इतिहास भूल गई है. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से पीएम का चेहरा भी तय हो जाएगा पहले विपक्षी दलों की बैठक में बीजेपी की राजनीति का डेथ वारंट तैयार होगा.


विपक्षी नेताओं के बयानों से साफ है कि भले ही विपक्ष एकता और एकजुटता की बात करता हो लेकिन अब भी इन दलों के बीच तल्खियां खत्म नहीं हो पाईं हैं. ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल लगातार कांग्रेस को निशाना बना रहे हैं तो वहीं कांग्रेस अपने रुख पर कायम है. ऐसे में 2024 का चुनाव विपक्षी दल मिलकर लड़ेंगे या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा. फिलहाल देखना ये होगा कि पटना में होने वाली इस बैठक में क्या फॉर्मूला तय होता है.


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