एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है.
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कोलकाता: असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. बनर्जी ने ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर किया और दावा किया कि इससे बांग्लाभाषी लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
ममता ने अपने ट्वीट में लिखा, "एनआरसी की असफलता ने उन सभी लोगों को एक्सपोज कर दिया है जो इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहते थे. उन्हें देश को कई सवालों के जवाब देने होंगे. जब कोई काम देश के व्यापक हित के बजाय किसी खास एजेंडे की पूर्ति के लिए किया जाता है तो उसका अंजाम यही होता है." उन्होंने लिखा, "मैं बांग्ला भाषी बहनों और भाइयों को लेकर चिंतित हूं जिन्हें इस पूरी प्रकिया के दौरान मुश्किल का सामना करना पड़ा."
यह पहला मौका नहीं है जब बनर्जी ने एनआरसी प्रक्रिया का विरोध किया हो. बनर्जी हमेशा यह कहती रही हैं कि वह केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने देंगी. पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "एनआरसी प्रक्रिया असम में लागू की गई है, जल्द ही इसे पश्चिम बंगाल में भी लागू किया जाएगा. अंतत: देश के सभी राज्य इससे कवर किए जाएंगे. यह प्रक्रिया अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण है."
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गौरतलब है कि एनआरसी की अंतिम सूची में 19 लाख से अधिक लोग अपना स्थान नही बना पाए. इससे सूची से बाहर रखे गए आवेदकों का भविष्य अधर में लटक गया है. यह सूची असम में वैध भारतीय नागरिकों की पुष्टि से संबंधित है. जिन लोगों का नाम एनआरसी से बाहर रखा गया है, वे इसके खिलाफ 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण में अपील दर्ज करा सकते हैं. उधर, विपक्ष ने इस पूरे प्रकरण पर राजनीति करना शुरू कर दिया है.
असम सरकार पहले ही कह चुकी है जिन लोगों को एनआरसी सूची में शामिल नहीं किया गया उन्हें किसी भी स्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) उन्हें विदेशी ना घोषित कर दे.