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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने निहंगों के सबसे बड़े लीडर की हत्या की साजिश रचने के आरोप में मलकीत सिंह (Malkit Singh) और भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh) को गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने बदला लेने के लिए टारगेट किलिंग की प्लानिंग की थी. अपनी प्लानिंग को अंजाम देने के लिए दोनों ने दो पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस भी जुटा लिए थे. इससे पहले कि ये दोनों अपने मकसद में कामयाब हो पाते, स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ गए.
स्पेशल सेल के एसीपी जसबीर सिंह (ACP Jasbir Singh) को सूचना मिली थी कि पैरोल पर जेल से बाहर आया अपराधी किसी बड़े क्राइम को अंजाम देने के लिए अपने एक साथी और हथियारों के साथ दिल्ली के शालीमार बाग में आने वाला है. एसीपी जसबीर सिंह ने अपनी टीम के साथ ट्रैप लगाकर मलकीत सिंह और उसके साथी भूपिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि दोनों के पास से दो पिस्टल और 20 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.
मलकीत सिंह ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि 2007 में उसके पिता बलदेव सिंह दिल्ली के आजादपुर में गुरुद्वारा में ग्रंथी बने थे, जिसके बाद पटियाला के बंता सिंह बगीची में हुई फायरिंग में चार निहंगों की हत्या हो गई थी. जिसके बाद उसके पिता बलदेव सिंह को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. पिता की गिरफ्तारी के बाद उसी गुरुद्वारे का ग्रंथी लखबीर सिंह उर्फ लक्खा बन गया था. जिसके बाद मलकीत ने अपनी मां जसबीर कौर और दो सेवादार सुखपाल सिंह और रंजीत सिंह के साथ मिलकर लखबीर सिंह का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले की FIR आदर्श नगर थाने में दर्ज हुई थी.
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उसने बताया कि इस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. केस का ट्रायल चलने के बाद कोर्ट ने चारों को उम्र कैद की सनाई. शुरुआत में मलकीत को बालसुधार गृह में भेज दिया गया था, जहां से वो 2010 में फरार हो गया. इसके बाद उसे पकड़ा गया तो पता चला कि मर्डर करने के वक्त वो बालिग था, लिहाजा उसे जेल में भेज दिया गया. साल 2016 में मलकीत को कुछ दिनों की पैरोल मिली लेकिन उसने पैरोल जंप कर दी और 2017 पंजाब के मुक्तसर स्थित मुक्तसर साहिब गुरुद्वारा की संपत्ति विवाद के चलते चार लोगों की हत्या कर दी. मलकीत सिंह को 2017 में फतेहगढ़ साहिब के बलवांगढ़ साहिब गुरुद्वारा के सेवादार प्यारा सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था.
स्पेशल सेल के मुताबिक मलकीत सिंह तिहाड़ जेल में रहने के दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे जगतार सिंह हवारा के संपर्क में आया.
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक, 'मलकीत को कोरोना की वजह से 1 अगस्त 2020 को जेल से पैरोल मिली थी. इसका फायदा उठाकर वो दो लोगों की हत्या करना चाहता था जिसमें सबसे पहला टारगेट निहंग सिख बुध दल के मुखिया थे. मलकीत को लगता था कि उनकी वजह से ही उसका परिवार जेल में है और वो चाहता था कि जत्थेबंदी का मुखिया कोई उसका अपना होना चाहिए. मलकीत को ये भी अच्छी तरह पता था कि निहंग लीडर को मारना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि वो पूरी सुरक्षा में रहते हैं. वो हर समय बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होते हैं जिसकी वजह से सिर्फ सिर पर गोली मारकर ही हत्या की जा सकती है. इसके लिए उसने बाकायदा प्रैक्टिस भी की थी.
निहंग लीडर की हत्या की साजिश के साथ-साथ मलकीत अपने पड़ोसी की भी हत्या करना चाहता था. गौर करने वाली बात ये है कि मलकीत का पड़ोसी लखबीर सिंह की हत्या के मामले में चश्मदीद था. मलकीत ने इसकी रेकी तक कर ली थी. उसी प्लान को अंजाम देने के लिए उसने भूपिंदर से संपर्क किया और दो पिस्टल और कारतूस का इंतजाम किया. लेकिन इससे पहले कि ये अपराधी अपनी साजिश में कामयाब हो पाते स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ गए.