एयर इंडिया ने अपने वरिष्ठ कर्मचारी के साथ मारपीट किए जाने पर शिवसेना के सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर उड़ान प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू के हस्तक्षेप के बाद एयर इंडिया ने शुक्रवार को गायकवाड़ पर से अपनी रोक हटा ली. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 23 मार्च की इस घटना के बाद शिवसेना के इस सांसद को ट्रेन से यात्रा करने के लिए बाध्य करना वाला एयर इंडिया का वह अधिकारी है जो हमेशा अपने कर्मचारियों के हितों के साथ खड़ा रहता है. शिवसेना के सांसद गायकवाड़ को 'जमीन पर उतारने वाले' इस अधिकारी का नाम अश्विनी लोहाणी है जो इस समय एयर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर हैं.
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नई दिल्ली : एयर इंडिया ने अपने वरिष्ठ कर्मचारी के साथ मारपीट किए जाने पर शिवसेना के सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर उड़ान प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू के हस्तक्षेप के बाद एयर इंडिया ने शुक्रवार को गायकवाड़ पर से अपनी रोक हटा ली. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 23 मार्च की इस घटना के बाद शिवसेना के इस सांसद को ट्रेन से यात्रा करने के लिए बाध्य करना वाला एयर इंडिया का वह अधिकारी है जो हमेशा अपने कर्मचारियों के हितों के साथ खड़ा रहता है. शिवसेना के सांसद गायकवाड़ को 'जमीन पर उतारने वाले' इस अधिकारी का नाम अश्विनी लोहाणी है जो इस समय एयर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर हैं.
विमानन कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारी को '25 बार' चप्पल से पीटने का दावा करने वाले गायकवाड़ के खिलाफ यदि एयर इंडिया कार्रवाई नहीं करता तो जो लोग लोहाणी को नजदीक से जानते हैं उनके लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं होता. इस घटना के बाद लोहाणी ने तुरंत गायकवाड़ के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज करा दी. यही नहीं, लोहाणी ने तत्परता दिखाते हुए एयर इंडिया के अलावा अन्य निजी विमानन कंपनियों को भी गायकवाड़ के खिलाफ लामबंद किया और अन्य निजी विमान कंपनियों ने अपने यहां भी गायकवाड़ को 'नो फ्लाई लिस्ट' में डाल दिया.
कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा में आगे रहते हैं लोहाणी
लोहाणी के बारे में कहा जाता है कि वह अपने कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा एवं उन्हें न्याय दिलाने में हमेशा तत्पर रहते हैं. साथ ही इस तरह के मामलों से निपटने के लिए उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू का समर्थन भी मिला हुआ होता है. समझा जाता है कि इस मामले में भी लोहाणी को राजू का समर्थन मिला हुआ था.
बदसलूकी करने वाले नेताओं को पहले भी 'सबक' सिखा चुके हैं
ऐसा पहली बार नहीं है जब लोहाणी अपने किसी कर्मचारी को न्याय दिलाने लिए उसके समर्थन में आए हैं. 28 नवंबर 2015 को आंध्र प्रदेश के तिरूपति में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मिथुन रेड्डी ने एयर इंडिया के मैनेजर राजशेखर को जब कथित रूप से थप्पड़ मारा था तो उस समय भी लोहाणी ने सख्त रुख अपनाया और राजशेखर को न्याय दिलाने के लिए आगे आए. इस घटना में राजशेखर की हड्डी टूट गई थी. राजशेखर ने बोर्डिंग टाइम खत्म हो जाने पर रेड्डी के रिश्तदारों को विमान में चढ़ने से रोक दिया था. इस बात से चिढ़कर रेड्डी के लोगों ने राजशेखर पर हमला बोल दिया. इस मामले में भी सांसद और उनके 15 अनुयायियों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी और रेड्डी को 17 जनवरी, 2016 को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इस मामले में भी नागरिक उड्डयन मंत्री का समर्थन लोहानी मिला हुआ था.
लोहाणी को कहा जाता है 'टर्न अराउंड मैन'
लोहाणी को 'टर्न अराउंड मैन' के नाम से भी जाना जाता है. मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) इसका एक स्पष्ट उदाहरण है. 2003 तक एमपीटीडीसी घाटे में जा रही थी. हालात ये थे कि कॉ़र्पोरेशन निजीकरण के कगार पर खड़ी थी. 2003 में उमा भारती ने लोहाणी को मध्यप्रदेश पर्यटन के प्रबंध निदेशक के पद पर नियुक्त किया. इसके बाद उन्होंने कर्मचारियों के प्रमोशन और रुकी हुई सैलेरी से लेकर कई तरह के कामों में तेजी लाते हुए कॉर्पोरेशन की काया-पलट कर दी. लोहाणी के इस कदम से कर्चमारियों के चेहरे पर मुस्कुराहट लौट आई. यही नहीं लोहाणी ने मध्य प्रदेश पर्यटन के उन सभी स्थानों को संवारने का बीड़ा उठा लिया जो पहले तक अपनी दशा पर छोड़ दिए गए थे. वह मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग में पेशेवर कामकाज का अनुशासन लाए और एमपी टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ उसका प्रचार-प्रसार किया.
टिकट खरीदकर करते हैं निजी हवाई यात्रा, मुफ्त में भोजन नहीं करते
अत्यधिक योग्य लोहाणी को बेहद ईमानदार माना जाता है. वह भ्रष्टाचार जरा भी बर्दाश्त नहीं करते हैं. इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि वह और उनका परिवार टिकट खरीदकर हवाई यात्रा करता है. मेहमानों का स्वागत करने के लिए लोहाणी को कॉरपोरेट क्रेडिट कार्ड मिला हुआ लेकिन उन्होंने इसका कभी इस्तेमाल नहीं किया. एमपीटीडीसी का प्रबंध निदेशक रहते हुए लोहाणी ने उसके होटलों एवं रेस्ताराओं में मुफ्त में भोजन नहीं किया.
लिम्का एवं गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है नाम
लोहाणी इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मेकेनिकल इंजीनियर्स (आईआरएसएमई) के 1980 बैच के अधिकारी हैं. लोहाणी के पास मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, मेटालर्जिकल और इलेक्ट्रानिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशंस की चार डिग्रियां हैं. इस उपलब्धि के कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. इसके अलावा 1998 में 'फेयरी क्वीन एक्सप्रेस' को चलाने के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल है.
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