Manipur News: हिंसा के बाद मणिपुर में 13 फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. अब इसी बीच वहां की राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने की मांग शुरू कर दी है. इसको लेकर चर्चा करने के लिए BJP MLA और NPP ने नेता दिल्ली के लिए रवाना हुए.
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Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. भाजपा के करीब 30 विधायक और गठबंधन सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता राज्य की बदलती राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने दिल्ली रवाना हो गए. पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के गिरने के बाद फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है, जिसकी अवधि हाल ही में बढ़ाई गई. विधायकों का यह दौरा केंद्रीय नेतृत्व से लोकप्रिय सरकार गठन की मांग को मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है.
BJP MLA इबोमचा ने दी जानकारी
BJP प्रवक्ता और विधायक इबोमचा ने बताया कि सभी 30 भाजपा विधायक केंद्रीय नेताओं से मिलकर राज्य के घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह सकता कि आने वाले सप्ताह में नई सरकार बनेगी या नहीं, लेकिन हम इस मुद्दे पर विस्तार से बात करेंगे."
कौन-कौन नेता हैं शामिल?
इस दौरे में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह, विधायक कोंगखम रॉबिन्द्रो सिंह, पूर्व मंत्री युमनाम खेमचंद सिंह, थुनाओजम श्यामकुमार सिंह, खुमुकचम जॉयकिशन सिंह, करम श्याम, उषाम देबेन, लौरेम्बम रामेश्वर और एनपीपी विधायक नूरुल हुसैन शामिल हैं. पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और अन्य विधायक पहले ही दिल्ली पहुंच चुके थे.
BJP नेता- राज्य में नई सरकार जरूरी
एनपीपी विधायक दल के नेता नूरुल हुसैन ने कहा, "राज्य के लोगों की आकांक्षा एक लोकप्रिय और समावेशी सरकार की है." राज्यपाल अजय कुमार भल्ला पहले से दिल्ली में हैं और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिल चुके हैं. वरिष्ठ अधिकारी जैसे मुख्य सचिव पूनित कुमार गोयल भी दिल्ली रवाना हो गए हैं. भाजपा विधायक खुमुकचम जॉयकिशन ने कहा कि राज्य में शांति और विकास के लिए नई सरकार जरूरी है.
क्या है मामला?
बता दें कि यह दौरा मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के बाद राज्य की अस्थिरता को समाप्त करने का प्रयास है, जिसमें 250 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं. राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी 2025 से लागू है, जब बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया था.
--आईएएनएस