बिहार: शहीद मुजाहिद की अंतिम विदाई में कोई मंत्री नहीं पहुंचा, परिवार ने लौटाया चेक
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बिहार: शहीद मुजाहिद की अंतिम विदाई में कोई मंत्री नहीं पहुंचा, परिवार ने लौटाया चेक

देश पर जान न्योछावर करने वाले मुजाहिद खान के जनाजे में जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए उनके गांव के अलावा आसपास के कई गांवों से हजारों लोग पीरो पहुंचे. लेकिन इस मौके पर केंद्र या राज्य सरकार को कोई मंत्री नहीं पहुंचा.

जम्मू के सीआरपीएफ कैम्प पर सोमवार 12 फरवरी को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए थे आरा के रहने वाले मुजाहिद (फोटोःएएनआई)

आराः जम्मू के करन नगर इलाके में सीआरपीएफ कैम्प में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जांबाज बिहार के भोजपुर जिले के पीरो के लाल मुजाहिद खान को बुधवार (14 फरवरी) को यहां के लोगों ने नम आखों से अंतिम विदाई दी. उनके पार्थिव शरीर को पीरो के एक कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया.  देश पर जान न्योछावर करने वाले मुजाहिद खान के जनाजे में जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए उनके गांव के अलावा आसपास के कई गांवों से हजारों लोग पीरो पहुंचे. लेकिन इस मौके पर केंद्र या राज्य सरकार को कोई मंत्री नहीं पहुंचा.

  1. 12 फरवरी को जम्मू में सीआरपीएफ कैंप आतंकी हमले में शहीद हुए थे मुजाहिद
  2. मुजाहिद सितंबर वर्ष 2011 में सीआरपीएफ के 49वीं बटालियन में भर्ती हुए थे
  3. 'इतनी बड़ी कुर्बानी देने वाले परिवार को कम से कम सम्मानजनक राशि तो मिले'

पीरो गांव के ऐतिहासिक पड़ाव मैदान में शहीद मुजाहिद के जनाजे की नमाज पढ़ी गई, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया. पीरो के दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बंद रखा और शव यात्रा में शामिल हुए. जनाजे में शामिल लोगों ने 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे भी लगाए.  

शहीद मुजाहिद के परिजनों ने 5 लाख का चेक ठुकराया
शहीद के परिजनों ने राज्य सरकार द्वारा भेजे गए 5 लाख रुपये का चेक लेने से इनकार कर दिया. शहीद के परिजनों का कहना है कि सरकार में शामिल लोगों में कोई संवेदना नहीं है, उनके लिए सिर्फ नोट और वोट की अहमियत है. परिजनों ने बिहार सरकार के मंत्री, सांसद या जिले के किसी वरिष्ठ अधिकारी के शहीद की अंतिम विदाई के मौके पर न आने पर नाराजगी जताई. 

यह भी पढ़ेंः VIDEO: नम आंखों से विदा हुए भारतीय सेना के जवान मुजाहिद खान

शहीद के भाई इम्तियाज ने सहायता राशि पर सवाल उठाते हुए कहा, "मेरा भाई देश की खातिर शहीद हुआ है, शराब पीकर नहीं मरा है. मुझे अपने भाई पर गर्व है. इतनी बड़ी कुर्बानी देने वाले परिवार को कम से कम सम्मानजनक राशि तो मिले, जिससे शहीद के माता-पिता इज्जत से अपनी जिंदगी गुजार सकें." 

 

शहीद के भाई चांद खान ने कहा, 'हमने राज्य सरकार द्वारा दी गई मुआवजे की राशि को लेने से इनकार कर दिया है क्योंकि शहीद को दी जाने वाली राशि सम्मानजनक. '

2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे मुहाजिद
पीरो गांव निवासी राजमिस्त्री रहे अब्दुल खैर खान के पुत्र मुजाहिद सितंबर वर्ष 2011 में सीआरपीएफ के 49वीं बटालियन में भर्ती हुए थे. मुजाहिद के परिजनों के मुताबिक, मुजाहिद बचपन से ही देशभक्ति की भावना से लवरेज थे.जम्मू के सुंजवान में आर्मी कैंप पर आंतकी हमले के तुरंत बाद करन नगर में हुए हमले में भारतीय सेना के जवान मुजाहिद खान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायल अवस्था में अस्पताल में इलाज के दौरान मुजाहिद ने दम तोड़ दिया था. मंगलवार को सीआरपीएफ के शीर्ष अधिकारियों ने शहीद हुए सेना के जवान एमएम खान को श्रद्धांजिल दी. बता दें कि एमएम खान भारतीय सेना के 49 बटालियन में तैनात थे. अधिकारियों द्वारा श्रद्धांजलि देने के बाद बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर बिहार के आरा जिले में उनके घर पहुंचा.

(इनपुट आईएएनएस से)

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