Pahalgam Terror Attack: जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया है. आतंकियों ने निर्दोष लोगों को पर गोलियां बरसाई. इसमें 28 लोगों की जान चली गई है. हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी माना जा रहा है.
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Pahalgam Terror Attack: जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया है. आतंकियों ने निर्दोष लोगों को पर गोलियां बरसाई. पीड़ितों की आपबीती से रूह कांप जा रही है. इसमें 28 लोगों की जान चली गई है. लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है. वहीं हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का सैफुल्लाह कसूरी माना जा रहा है. जबकि TRF ग्रुप का नेतृत्व आसिफ फौजी कर रहा था. सैफुल्लाह कसूरी था को लेकर कहा जा रह है कि ये महंगी कारों का शौकीन है
पुलवामा आतंकी हमला
बता दें कि कश्मीर में आखिरी बड़ा आतंकी हमला फरवरी 2019 में हुआ था, जब पुलवामा में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया था. इसमें सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हो गए थे.
कौन है सैफुल्लाह कसूरी
पाकिस्तान के आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के वरिष्ठ कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद को पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. कसूरी को एलईटी के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी भी माना जाता है. संदेह है कि यही हमले का साजिशकर्ता है. ये लगातार अवसर की तलाश कर रहा था.
सैफुल्लाह कसूरी या खालिद को मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के अध्यक्ष के रूप में पेश किया गया था, जो हाफिज सईद के जमात-उद-दावा (जेयूडी) का राजनीतिक मोर्चा है. 8 अगस्त, 2017 को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उसने पार्टी के गठन, उद्देश्यों और लक्ष्यों के बारे में बात की थी.
खालिद (एलईटी) पेशावर मुख्यालय का भी नेतृत्व करता है और जेयूडी के तहत मध्य पंजाब प्रांत के लिए समन्वय समिति में काम कर चुका है. दिसंबर 2008 में, इसे लश्कर के एक अन्य नाम के साथ संयुक्त राष्ट्र 1267/1988 की प्रतिबंधित लिस्ट में जोड़ा था.
प्रतिरोध मोर्चा (TRF) क्या है?
प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF). इसका गठन 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद किया गया था. इसे लेकर अधिकारियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इसके नाम में 'प्रतिरोध' इसलिए शामिल किया गया ताकि यह वैश्विक स्तर पर गूंजे.
TRF ने घाटी के पत्रकारों को धमकियां दीं, जिसके बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया, MHA अधिसूचना के अनुसार, TRF ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती कर रहा था, जिसमें आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में मदद करना शामिल था.
जब 2019 में TRF की स्थापना की गई थी, तब शेख सज्जाद गुल ने सर्वोच्च कमांडर के रूप में आतंकी संगठन का नेतृत्व किया था, जबकि बासित अहमद डार ने मुख्य परिचालन कमांडर के रूप में काम किया था. टीआरएफ हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे कई संगठनों के आतंकवादियों का एक मिश्रण है.