बीजेपी-कांग्रेस दलितों और सवर्ण समाज के गरीबों की हितैषी नहीं : मायावती
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बीजेपी-कांग्रेस दलितों और सवर्ण समाज के गरीबों की हितैषी नहीं : मायावती

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के बारे में मायावती ने बसपा को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने को प्रमुख वजह बताया. 

बहुजन प्रेरणा केन्द्र में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संक्षिप्त संबोधन के दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा. (फोटो- एएनआई)

नई दिल्ली: बसपा अध्यक्ष मायावती ने दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण समाज के गरीबों की बदहाली के लिए बीजेपी और कांग्रेस को बराबर का जिम्मेदार ठहराया है. मायावती ने मंगलवार को बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये कहा कि हम जानते हैं कि न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस बहुजन समाज और सवर्ण समाज के गरीबों की हितैषी पार्टी है. अगर ऐसा नहीं होता तो इन वर्गों की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक हालत आज इतनी ज्यादा दयनीय नहीं होकर पिछले 70 वर्षों में काफी सुधर गई होती तथा सत्ता में इनकी समुचित भागीदारी भी होती.  

यहां बहुजन प्रेरणा केन्द्र में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संक्षिप्त संबोधन के दौरान उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर बराबर निशाना साधा. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के बारे में मायावती ने बसपा को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने को प्रमुख वजह बताया. 

उन्होंने कहा कि वैसे तो बीजेपी और कांग्रेस से इन वर्गों के व्यापक हित एवं सम्मान की उम्मीद भी नहीं है, लेकिन इनका अपमान भी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसीलिए चुनावी गठबन्धनों के लिए हमारी पार्टी ने 'सम्मानजनक सीटें' मिलने मात्र की शर्त रखी थी. इसका मतलब साफतौर पर यह है कि गठबंधन में बसपा सीटों के लिए 'भीख नहीं मांगेगी'. 

मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी पर बसपा को कमजोर करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियां बसपा और इसके नेतृत्व को कमजोर, बदनाम एवं राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहती हैं. खासकर चुनाव के समय तो यह कुत्सित प्रयास और भी ज़्यादा सघन और विषैले हो जाते है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को इससे सावधान रहने के लिए आगाह भी किया.

मालूम हो कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ लगातार कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में बीएसपी को साथ रखने की वे पूरी कोशिश कर रहे हैं. इससे पहले भी बसपा प्रमुख मायावती कह चुकी हैं कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा.

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