लद्दाख: सैनिकों के जल्‍द पीछे हटने पर बनी सहमति, फिर होगी कमांडरों की बातचीत
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लद्दाख: सैनिकों के जल्‍द पीछे हटने पर बनी सहमति, फिर होगी कमांडरों की बातचीत

दोनों देशों ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास के लिये पूर्ण रूप से शांति बहाली जरूरी है. 

लद्दाख: सैनिकों के जल्‍द पीछे हटने पर बनी सहमति, फिर होगी कमांडरों की बातचीत

नई दिल्‍ली: भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के संघर्ष वाले क्षेत्र से ‘‘पूरी तरह और जल्द’’ सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति व्यक्त की. दोनों देशों ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास के लिये पूर्ण रूप से शांति बहाली जरूरी है. वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कुछ स्थानों से चीनी सैनिकों की वापसी ने अभी गति नहीं पकड़ी है, ऐसे संकेत मिलने के बीच दोनों पक्षों में सेनाओं के बीच और वार्ता को लेकर भी सहमति बनी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार की बैठक के बाद दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि त्वरित ढंग से पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिये आगे के कदम तय करने के वास्ते वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की एक और बैठक हो सकती है.

दोनों देशों ने सीमा के मामलों पर विचार- विमर्श करने एवं समन्वय के कार्यकारी ढांचे के तहत आज ऑनलाइन माध्यम से हुई ताजा राजनयिक वार्ता के दौरान क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा की. बैठक करीब तीन घंटे तक चली.

अब तक हुई कोर कमांडर स्तर की चार दौर की वार्ता 
दोनों देशों की यह बैठक ऐसे समय हुई, जब इस तरह की खबरें आ रही थी कि पीछे हटने की प्रक्रिया आगे की ओर नहीं बढ़ पा रही है, जैसा कि 14 जुलाई की कोर कमांडर स्तर की पिछले दौर की वार्ता के बाद उम्मीद की जा रही थी. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि वार्ता के दौरान भारत ने चीनी पक्ष को ठोस संदेश दिया कि उसे कोर कमांडर स्तर की चार दौर की वार्ता में तय हुई सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का पालन करना होगा.

बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सीमा मुद्दे पर गंभीर बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा अपने-अपने सैनिकों को वापस बुलाने की दिशा में सकारात्मक प्रगति हुई है.

भारत में विदेश मंत्रालय ने चीनी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर कुछ नहीं कहा. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘इन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकाल के अनुरूप वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों का पूरी तरह से पीछे हटना और भारत, चीन सीमा पर तनाव समाप्त करना तथा शांति स्थापित करना द्विपक्षीय संबंधों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक है. ’’ 

विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्षों ने कहा कि यह पांच जुलाई को दो विशेष प्रतिनिधियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान बनी सहमति के अनुरूप है.

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गौरतलब है कि पांच जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिये चर्चा की थी . दोनों पक्षों ने इस वार्ता के बाद छह जुलाई के बाद पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की थी .

बहरहाल, विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार की बातचीत में दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि अब तक वरिष्ठ कमांडरों की बैठक में बनी सहमति को गंभीरता से लागू किया जाए.

(इनपुट: एजेंसी भाषा)

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