Jharkhand: मेडिकल साइंस का चमत्कार, 3 महीने फ्रीज में रखी खोपड़ी; फिर ऐसे बचाई मरीज की जान
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Jharkhand: मेडिकल साइंस का चमत्कार, 3 महीने फ्रीज में रखी खोपड़ी; फिर ऐसे बचाई मरीज की जान

Jharkhand News: झारखंड के धनबाद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां डॉक्टर्स की टीम ने एक शख्स की खोपड़ी को निकाल कर तीन महीने फ्रीज में रखा और फिर वापस लगाकर सर्जरी की.

Jharkhand: मेडिकल साइंस का चमत्कार, 3 महीने फ्रीज में रखी खोपड़ी; फिर ऐसे बचाई मरीज की जान

Jharkhand News: मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की कर ली है. इसे एक जीता जागता मामला झारखंड के धनबाद से सामने आया है, जहां सड़क हादसे में एक युवक का सिर तीन महीने पहले गंभीर रूप से चोटिल हो गया था. इस हादसे के बाद शख्स की याददाश्त भी चली गई थी. लेकिन तीन महीने बाद डॉकटर्स ने ऑपरेशन करके उसकी याददाश्त वापस लौटा दी है. इस ऑपरेशन की सबसे खास बात ये है कि तीन महीने तक शख्स की खोपड़ी फ्रीज में रखी गई थी. सर्जरी के बाद शख्स की खोपड़ी वापस लगाई गई.

तीन महीने फ्रीज में रखी रही खोपड़ी

हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए के मुताबिक, धनबाद के जेपी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के टीम ने ये चमत्कार किया है. शख्स की ये दूसरी सर्जरी थी. एक्सीडेंट के बाद शख्स की पहली सर्जरी की गई, जिसमें उसकी खोपड़ी निकास कर फ्रीज में रख दी गई. अब तीन महीने बाद दूसरी सर्जरी में फिर से शख्स के खोपड़ी लगाई गई है.

सर्जरी से बची शख्स की जान

सर्जरी करने वाले डॉक्टर त्रिपाठी का कहना है कि जब मरीज को हॉस्पिटल लाया गया तो उसकी हालात काफी गंभीर थी. 28 अप्रैल को स्कूटी से शख्स का एक्सीडेंट हुआ था. शख्स की हालत इतनी खराब थी कि बिना ऑपरेशन उसकी जान बचाना मुश्किल था. एक्सीडेंट की वजह से शख्स के सिर में चोट आई और इससे ब्लड का क्लॉट जम गया था. खोपड़ी खोलने के बाद ये ब्लड क्लॉट धीरे-धीरे सूखने लगा. सूखने के बाद ब्लड क्लॉट को बाहर निकाल दिया गया. इस दौरान 3 महीने तक मरीज की खोपड़ी फ्रिज में रखी गई.

वापस आई याददाश्त

ब्लड क्लॉट को पूरी तरह से निकालने के बाद वापस खोपड़ी को सर्जरी करके वापस लगा दिया गया. अब शख्स की हालत बिल्कुल ठीक है. सर्जरी के बाद उसकी याददाश्त भी वापस आ गई है. सर्जरी करने वाले डॉक्टर ने बताया कि खोपड़ी का काम सिर की रक्षा करना है इसलिए खोपड़ी को बड़े आराम से ही निकाल कर रखा जा सकता है. इस दौरान सिर की चोट की सर्जरी की जाती है. लेकिन ये काम बेहद सावधानी से किया जाता है.

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