मेघालय में 30 घंटे से कोयला खदान में फंसे हैं 13 मजदूर, अब तक नहीं लगा कोई सुराग
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मेघालय में 30 घंटे से कोयला खदान में फंसे हैं 13 मजदूर, अब तक नहीं लगा कोई सुराग

मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स के कोयला खदान में अवैध खनन के दौरान ये मज़दूर फंस गए थे. इनका अब तक कोई पता नहीं लगाया जा सका है.

मजदूरों को नि‍कालने के लि‍ए राहत और बचाव कार्य जारी है. फोटो : आईएएनएस

अंजनील कश्यप, शिलांग : मेघालय के पूर्वी जयंतिया पहाड़ी जिला के कोयला खदानों में कोयला माफिया के अवैध खनन के कारण 13 मज़दूरों के फंसे होने की ख़बर हैं. मेघालय के पूर्वी जयंतिया जिला के लैटीन नदी के किनारे कसान गांव में कोयला खदानों में कोयला माफियाओं के दबाव में अवैध रूप से खनन का काम पिछले चल रहा था. 13 मज़दूर पानी से भरी कोयला खदान के अंदर खनन के काम में लगे हुए थे. इनका अब तक कोई पता नहीं लगाया जा सका है.

कसान गांव के निवासियों के मुताबिक गुरुवार को अचानक कोयला खदान के सुरंग का मुंह के धस जाने मज़दूर अंदर फंस गए. जयंतिया हिल्स जिला पुलिस अधीक्षक सिल्वेस्टर नोन्गतिनजेर के अनुसार, पुलिस ने तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया. हालांकि अभी तक पुलिस 13 मज़दूरों में से किसी को भी बाहर निकाल पाने में कामयाब नहीं हो पाई है.

जयंतिया हिल्स के पुलिस अधीक्षक के अनुसार कसान गांव स्तिथ साईंपुंग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आए कोयला खदानों में अवैध खनन में 13 मज़दूरो की फंसे होने की सुचना मिली थी. सूचना मिलते ही पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया. सुरंग के अंदर पानी भरा हुआ था, जिस वजह से पुलिस को बचाव अभियान में काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा था.

पुलिस ने खदान के अंदर जमा पानी को पम्पिंग के सहारे बाहर निकाल तो दिया है, पर अभी भी पुलिस बता नहीं पाई है कि कोयला खदान में फंसे 13 मज़दूर सही सलामत हैं. बहरहाल पुलिस ने इस अज्ञात खदान के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2014 में ही मेघालय में असुरक्षित और गैर वैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे कोयला खदानों के खनन पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. लेकिन इसके बावजूद भी कोयला माफिया अवैध रूप से जयंतिया हिल्स की छोटी और खतरनाक खदानों में अवैध खनन को अंजाम दे रहे थे.

खदान में फंसे मज़दूरों की  पहचान कर ली गई है. इनमें ओमोर अली, मज़मूर इस्लाम, मोमिनुल इस्लाम, शिरपत अली, मज़ीद ऐसके, रज़ियल  इस्लाम, आमिर हुसैन, मुनिरुल इस्लाम, साइडर  इस्लाम, समसुल हके, चल दखर, लॉन्ग दखर और नीलम दखर शामिल हैं. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने इस घटना पर दुःख जताते हुए कहा है की कोयला माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाये जाएंगे. एनजीटी 2014 से प्रतिबन्ध होने के बावजूद अवैध खनन की इस घटना की जांच कर सख्त कार्रवाई का भी भरोसा सीएम ने दिया है.

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