इंदौर की सोनम रघुवंशी द्वारा अपने पति राजा रघुवंशी का मेघालय में मर्डर कराए जाने के मामले के बाद वहां इनर लाइन परमिट को लेकर मुहिम तेज हो गई है. संगठनों का कहना है कि इसे हर हाल में लागू कराया जाए.
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मध्य प्रदेश की सोनम रघुवंशी ने एक दिन के भीतर मेघालय में जो कर दिखाया, वह मेघालय के संगठन वर्षों के आंदोलन के बावजूद नहीं कर पाए थे. सोनम ने अपने तीन साथियों के साथ सोहरा आकर अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की और बिना किसी अड़चन के राज्य से फरार हो गई. इस सनसनीखेज घटना के बाद मेघालय में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) लागू करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है.
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मेघालय सरकार ने राज्यवासियों की सुरक्षा के लिए मेघालय रेसिडेंट्स सेफ्टी एंड सिक्योरिटी एक्ट (MRSSA) को प्रभावी ढंग से लागू करने का फैसला किया है. इसके तहत पहले चरण में पर्यटकों की ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप के ज़रिए आने से पहले पंजीकरण, पहचान पत्र, गाड़ी नंबर, और होटल संबंधी जानकारी अपलोड करना अनिवार्य किया जाएगा.
पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर में पहले से ही आईएलपी व्यवस्था लागू है. मेघालय में इसकी अनुपस्थिति के कारण खासी और जयंतिया संगठन लंबे समय से रेल मार्ग के विस्तार का विरोध करते आ रहे हैं. इस बीच, खासी हिल्स नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट (KHNAM) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में आईएलपी लागू करने की अपील की है.
इनर लाइन परमिट जिन इलाकों में लागू होता है, वहां दूसरे राज्यों के निवासियों को आने के पहले मंजूरी लेनी पड़ती है. जरूरी औपचारिकताओं के बाद ही इसे स्वीकृति दी जाती है.
(रिपोर्टर सौमिक सेन गुप्ता)