ईरान में अमरिकी हमले पर भड़कीं महबूबा, ट्रंप की नोबेल की सिफारिश को लेकर पाकिस्तान पर किया कटाक्ष
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ईरान में अमरिकी हमले पर भड़कीं महबूबा, ट्रंप की नोबेल की सिफारिश को लेकर पाकिस्तान पर किया कटाक्ष

Mehbooba Mufti News: महबूबा मुफ़्ती ने हाल ही में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि जिस देश ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफारिश करने में जल्दबाजी की थी, अब ईरान पर हमला करने के बाद खुद शर्मसार हो गया है. 

ईरान में अमरिकी हमले पर भड़कीं महबूबा, ट्रंप की नोबेल की सिफारिश को लेकर पाकिस्तान पर किया कटाक्ष

Jammu And Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने हाल ही में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया है. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में मुफ़्ती ने कहा, 'जैसा कि उम्मीद थी, ओआईसी ने एक बार फिर ईरान पर हमले के मद्देनज़र अपनी प्रतिक्रिया को केवल दिखावटी सेवा तक सीमित कर दिया है.' 

इसके अलावा मुफ़्ती ने पाकिस्तान की आलोचना की कि उसने पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की अनुशंसा का समर्थन किया था, यह कदम ईरानी ठिकानों पर अमेरिकी सैन्य हमलों के मद्देनज़र नए सिरे से जांच का विषय बन गया है. मुफ़्ती ने पोस्ट में कहा, 'जिस देश ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफारिश करने में जल्दबाजी की थी, अब ईरान पर हमला करने के बाद खुद को शर्मसार पाता है.' उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ट्रंप के कार्यकाल के दौरान उनके नामांकन के लिए पाकिस्तान के कथित समर्थन का जिक्र किया.'

यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा ईरान में लक्षित हमले शुरू करने के कुछ ही घंटों बाद आई है, जिससे क्षेत्र में नए सिरे से संघर्ष की आशंका बढ़ गई है. मुफ़्ती के बयान का समय इस बात को रेखांकित करता है कि वह एक ऐसे नेता के लिए शांति पुरस्कारों की वकालत करने में विडंबना और गलत निर्णय के रूप में क्या देखती हैं, जो अब आक्रामक सैन्य कार्रवाइयों से जुड़ा हुआ है.

मुफ़्ती के बयान पर लोगों ने दी ये प्रतिक्रिया 
जबकि मुफ़्ती ने सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी के संदर्भ में कोई अस्पष्टता नहीं थी, जिससे ऑनलाइन कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं, कुछ ने उनके रुख का समर्थन किया, जबकि अन्य ने उन पर एक संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.

उन्होंने आगे लिखा, 'ईरान पर यह हमला करके ट्रंप ने तनाव को खतरनाक तरीके से बढ़ा दिया है, जिससे क्षेत्र में हिंसा की नई लहर चल रही है और दुनिया वैश्विक संघर्ष के कगार पर पहुंच गई है. अफसोस की बात है कि भारत, जिसे लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मामलों में ऐतिहासिक और सैद्धांतिक भूमिका निभाने वाला देश माना जाता है, न केवल चुप है, बल्कि हमलावर के साथ खड़ा होता दिख रहा है.'

 फारूक अब्दुल्ला ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की आलोचना की 
यह पहली बार नहीं है जब महबूबा मुफ्ती ने वैश्विक कूटनीतिक घटनाक्रमों पर टिप्पणी करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया है, अक्सर उन्हें क्षेत्रीय भूराजनीति और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता पर व्यापक चर्चा से जोड़कर देखा है. जबकि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की आलोचना की और मुस्लिम देशों की चुप्पी पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी निष्क्रियता उनके लिए भी इसी तरह के परिणाम ला सकती है, उन्होंने कहा, 'आज ईरान इस स्थिति में है, लेकिन कल, अमेरिका उन्हें ही नष्ट कर देगा। अगर वे आज नहीं जागे, तो उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए.'

 'उनकी गर्दनें कट जाएंगी, लेकिन वे झुकेंगे नहीं'
अब्दुल्ला ने ईरान के लचीलेपन पर जोर देते हुए उसके रुख की तुलना कर्बला की ऐतिहासिक घटना से की और कहा, टअगर उन्हें लगता है कि ईरान अपनी महत्वाकांक्षा को त्याग देगा, तो वे गलतफ़हमी में हैं. ईरान कर्बला को याद करता है और सोचता है कि यह दूसरा कर्बला है. उनकी गर्दनें कट जाएंगी, लेकिन वे झुकेंगे नहीं.' उन्होंने ईरान में शासन परिवर्तन के लिए अमेरिका और इजरायल के प्रयासों की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाया और संदेह जताया कि इससे ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं रुक जाएंगी.

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