अनौपचारिक बैठक में सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि सुधार प्रक्रिया पर वार्ता जारी रखने के लिए अधिक से अधिक समय दिया जाना चाहिए
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नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया को ‘‘कठिन यात्रा’’ करार देते हुए भारत ने सदस्य देशों से अपील की है कि यदि इस महत्वपूर्ण मामले को आगे बढ़ाने की दिशा में विश्वसनीय प्रगति नहीं हो पाती है तो वे इसमें खुद के शामिल होने की समीक्षा करने से नहीं कतराएं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या बढ़ाने को लेकर अंतरसरकारी वार्ताओं पर मंगलवार को एक अनौपचारिक बैठक में कहा कि सुधार प्रक्रिया पर वार्ता जारी रखने के लिए अधिक से अधिक समय दिया जाना चाहिए और सदस्य देशों को किसी एकपक्षीय समयसीमा में नहीं बंधना चाहिए.
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अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘यदि हम पारस्परिक सम्मान दिखाते हैं और वार्ताओं के लिए समय और स्थान तय करने में बेहतर आपसी समझ को प्रोत्साहित करते हैं, तभी हम प्रक्रिया को विश्वसनीय बना सकते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि इस वर्ष होने वाली वार्ताएं सुधार की हमारी इस कोशिश को आगे ले जाने में मदद करेंगी.’’ उन्होंने जोर दिया कि हर सुझाव को नकारना नहीं जाना चाहिए और सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए रचनात्मक मार्गों को तलाशने की आवश्यकता है.
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अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘यदि हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम विश्वसनीय प्रगति हासिल नहीं कर पाते हैं तो हमें इस बात पर पुनर्विचार करने से कतराना नहीं चाहिए कि हम इस महत्वपूर्ण मामले में कैसे शामिल हों.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि जब हमने यह प्रक्रिया आरंभ की थी, तब से दुनिया में बहुत बदलाव आया है, लेकिन आगे बढ़ने को लेकर आपत्तियों में कोई बदलाव नहीं आया है. 21वीं सदी में वैश्विक चुनौतियां बढ़ गई हैं और हम आगे बढ़ने के लिए अपनाए जाने वाले तरीके को लेकर ही बंटे हुए हैं.’’
(इनपुट भाषा)