नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को शनिवार को समुदाय का ‘चौथा नरसंहार’ बताया और कहा कि दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा इस नरसंहार के संबंध में बनाया जा रहा स्मारक इस नृशंस घटना के इतिहास को सुरक्षित रखेगा।


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गुरूद्वारा रकाबगंज साहिब में शनिवार को यहां स्मारक के निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए आयोजित समारोह के लिए उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए बादल ने कहा कि इस जघन्य नरसंहार में शामिल हर एक दोषी को न्याय के कठघरे में खड़ा करवाने के लिए शिरोमणि अकाली दल अपना संघर्ष जारी रखेगा। बादल ने कहा कि सिखों ने समुदाय के इतिहास में चार बड़े नरसंहारों को झेला है जिनमें से दो मुगलों के अत्याचारों के परिणाम थे।


उन्होंने कहा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती कि स्वतंत्र भारत में देश की सरकार उन पर ऐसा कहर ढाएगी...पहला कहर श्री हरिमंदिर साहिब में ब्लूस्टार आपरेशन के दौरान ढहाया गया और दूसरा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद।


1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों की याद में इस स्मारक का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी के बीचोंबीच गुरूद्वारा रकाबगंज में करवाया जा रहा है जिसे वाल ऑफ टियर्स का नाम दिया गया है। इस समारोह में पंजाब के उप मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल तथा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने हिस्सा लिया। डीएसजीएमसी अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके भी वहां मौजूद थे।