Mgnrega Ghunghat Controversy: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में अब उपस्थिति दर्ज कराने के लिए रेटिना स्कैन को अनिवार्य किया जा रहा है.
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Mgnrega Ghunghat Controversy: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में अब उपस्थिति दर्ज कराने के लिए रेटिना स्कैन को अनिवार्य किया जा रहा है. इस नए नियम का विरोध करते हुए राजस्थान के बांसवाड़ा से लोकसभा सांसद और भारत आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत ने इसे स्थानीय संस्कृति पर हमला बताया. सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राजकुमार रोत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई समुदायों में महिलाओं का घूंघट करने की परंपरा रही है. लेकिन नए नियम के तहत उन्हें अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए घूंघट हटाना होगा, जो उनकी परंपराओं के खिलाफ है. उन्होंने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की.
संस्कृति बनाम आधुनिक तकनीक
राजकुमार रोत ने कहा कि हमारी परंपरा में महिलाओं का अपने ससुर और जेठ के सामने घूंघट करना जरूरी माना जाता है. लेकिन अब सरकार ने यह नियम बना दिया है कि रेटिना स्कैन के बिना मनरेगा मजदूरी नहीं मिलेगी. यह हमारी संस्कृति पर हमला है. मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पहले बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैन का उपयोग किया जाता था. लेकिन अब सरकार ने इसे और सख्त बनाते हुए रेटिना स्कैन को भी अनिवार्य कर दिया है. सरकारी तर्क यह है कि इससे धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी और सही व्यक्ति को मजदूरी मिलेगी. हालांकि ग्रामीण इलाकों में इसके विरोध की आवाजें उठने लगी हैं.
अन्य सांसदों ने भी उठाए अहम मुद्दे
शून्यकाल के दौरान सिर्फ मनरेगा का ही मुद्दा नहीं उठा बल्कि कई सांसदों ने अलग-अलग मामलों पर अपनी बात रखी. भाजपा सांसद अरुण गोविल ने बैंकों में जमा राशि में गिरावट पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि बैंकों को सिर्फ बैंकिंग सेवाओं तक सीमित रखा जाए और बीमा जैसे अतिरिक्त कार्यों से मुक्त किया जाए. कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने गिग कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि ऐप आधारित कंपनियों में काम करने वाले लाखों लोग अस्थायी रोजगार में हैं और सरकार को उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
आईडीबीआई बैंक के निजीकरण पर सवाल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण न हो और उसे सरकारी बैंक के रूप में ही चलाया जाए. कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब में हाल ही में हुए ग्रेनेड हमलों पर चिंता जताई. उन्होंने केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर कानून-व्यवस्था को संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया.
नए नियमों पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं
मनरेगा में रेटिना स्कैन को अनिवार्य करने पर सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि यह मुद्दा अब लोकसभा में उठ चुका है और इससे जुड़े विवाद पर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना होगा. वहीं अन्य सांसदों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी आगे की कार्रवाई का इंतजार रहेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)