जम्मू कश्मीर में पिछले एक साल में 244 आतंकी मारे गए, 143 बार आतंकियों ने घुसपैठ की : MHA
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जम्मू कश्मीर में पिछले एक साल में 244 आतंकी मारे गए, 143 बार आतंकियों ने घुसपैठ की : MHA

पिछले तीन साल में अगर जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के आंकड़े देखे तो पिछले साल सबसे ज्यादा घुसपैठ की कोशिश हुई.

फाइल फोटो- PTI

नई दिल्लीः गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंकी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए है. रिपोर्ट के मुताबिक जहां साल 2016 में 135 आतंकियों का सफाया किया  गया वहीं साल 2017 में सुरक्षा बलों ने 207 आतंकियो को मार गिराने में सफलता पाई लेकिन सबसे बड़ी कामयाबी साल 2018 में देखने को मिली जब सुरक्षा बलों ने 244 आतंकियो को ऑपेरशन में मार गिराया हालांकि इस दौरान पाकिस्तान की तरह से भारतीय सीमा में आतंकियो की घुसपैठ कराने की भी काफी कोशिशें हुई.

पिछले तीन साल में अगर जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के आंकड़े देखे तो पिछले साल सबसे ज्यादा घुसपैठ की कोशिश हुई.

जहां आतंकियों ने पिछले साल 143 बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की, वहीं ये संख्या साल 2016 में 119 और साल 2017 में 136 थीं. राज्य सभा मे एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि सरकार भारत और पाकिस्तान से सटे अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर फेंसिंग, रोड और फ्लड लाइट के साथ साथ सीमा चौकियों बना रही है, जिससे सुरक्षा को मजबूत किया जा सके. किरण रिजिजू के मुताबिक करीब दो हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा पर 400 किलोमीटर सड़क के साथ साथ 1920 किलोमीटर तक फ्लड लाइट लगाई गई है और सीमा पर कुल 656 सीमा चौकियां मौजूद हैं.

गृह मंत्रालय के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय सीमा को सुरक्षित बनाने के लिए सीमा सुरक्षा बल एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रहा है जिसके मुताबिक सीमा पर चौबीस घंटे निगरानी और गश्त और जवानों को काफी आधुनिक हथियार दिए गए हैं. सीमा सुरक्षा के लिए ग्रिड के लिए सीमावर्ती राज्यों के मुख्य सचिवो के साथ एक कमेटी भी बनाई गई है .

देखा जाए तो पिछले साल भारत पाक सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल पर सीमा उल्लघंन की काफी घटनाएं देखने को मिली थी. साल 2018 में संघर्ष विराम के उल्लंघन की 2,140 घटनाएं घटीं जिनमें बीएसएफ के 14 जवानों की मौत हो गई और 53 घायल हो गए. जबकि 2017 में संघर्ष विराम के उल्लंघन सीमापार गोलीबारी की 971 की घटनाएं घटी थीं जिनमें बीएसएफ के चार जावान मारे गए थे.

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