केंद्र सरकार ने माना, कश्मीर में पिछले 3 सालों में बढ़ीं आतंकी घटनाएं
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केंद्र सरकार ने माना, कश्मीर में पिछले 3 सालों में बढ़ीं आतंकी घटनाएं

गृहराज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर में 2018 के मात्र छह महीनों में 256 मामले सामने आए हैं. 

संसद में गृह मंत्रालय द्वारा पेश की गई रपट में इसका खुलासा हुआ...

नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी हिंसा में 2017 और 2016 से एक कदम आगे बढ़ते हुए 2018 के मात्र छह महीनों में 256 मामले आए हैं. बुधवार को संसद में गृह मंत्रालय द्वारा पेश की गई रपट में इसका खुलासा हुआ. गृहराज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा को बताया कि हिंसाग्रस्त राज्य में एक जनवरी से आठ जुलाई के बीच घटी 256 घटनाओं में 100 आतंकवादी, 43 सुरक्षाकर्मी और 16 नागरिक मारे गए हैं.

आंकड़ों में बताया गया है कि 2017 में 342 और 2016 में 322 आंतकवादी हिंसा की घटनाएं दर्ज की गईं. रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी हिंसा में 2017 में 213 आतंकवादियों, 80 सुरक्षाकर्मियों और 40 नागरिकों की मौत हुई थी, वहीं 2016 में 150 आतंकवादियों, 82 सुरक्षाकर्मियों और 15 नागरिकों की मौत हुई थी. एक प्रश्न के जवाब में अहीर ने कहा, "रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर में पत्थरबाजी में दूसरे राज्यों के दो युवकों के शामिल होने की रिपोर्ट मिली और इस संबंध में 2018 में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे."

इस साल कश्मीर में 100 आतंकवादी मारे गए
सरकार ने कहा कि इस साल की पहली छमाही में जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हिंसा की 256 घटनाएं हुयी और इस दौरान 100 आतंकवादी मारे गए. गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने प्रभात झा के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस साल आठ जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में 100 आतंकवादी मारे गए. इस अवधि में 43 सुरक्षाकर्मी और 16 नागरिकों की भी मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि 2017 में आतंकवादी हिंसा की 342 घटनाएं हुई थीं और पूरे साल में 213 आतंकवादी मारे गए थे. पिछले साल 80 सुरक्षाकर्मी और 43 नागरिकों की मौत हो गई थी. अहीर ने बताया कि हाल में देश के अन्य राज्यों के दो युवकों के जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी में शामिल होने का पता लगा और इस संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है.

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