तमिलनाडु में गणेश चतुर्थी के आयोजन पर हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
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तमिलनाडु में गणेश चतुर्थी के आयोजन पर हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

तमिलनाडु में गणेश चतुर्थी को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहा विवाद थम गया है.

फाइल फोटो

चेन्नई: तमिलनाडु में गणेश चतुर्थी को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहा विवाद थम गया है. मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने कोरोना (CoronaVirus) संकट के बीच राज्य के लोगों को गणेश चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) मनाने की अनुमति दे दी है. हालांकि, इसके लिए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी निर्धारित की हैं.

  1. तमिलनाडु में गणेश चतुर्थी को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहा था विवाद
  2. हिंदूवादी संगठन ने सरकार के फैसले को दी थी अदालत में चुनौती
  3. सार्वजानिक आयोजन पर बरकरार रहेगी पाबंदी

अदालत के मुताबिक, लोग अपने घरों में गणपति की स्थापना कर सकेंगे, लेकिन बड़े पैमाने पर आयोजन पर पाबंदी रहेगी. मूर्तियों को पास के तालाब आदि में विसर्जित किया जा सकेगा. मरीना बीच जैसे बड़े सार्वजनिक स्थानों पर विसर्जन की अनुमति नहीं होगी.

कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि तमिलनाडु सरकार द्वारा सार्वजनिक समारोहों, जुलूसों, सार्वजनिक रूप से मूर्तियों की स्थापना पर लगाया गया प्रतिबंध लागू रहेगा. इसके अलावा, कोई भी संगठन ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेगा. पीठ ने हिंदूवादी संगठन ‘हिंदू मुन्नानी’ (Munnani) की अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड किया, जिसमें कहा गया है कि संगठन की तरफ से जुलूस नहीं निकाला जायेगा और वो प्रशासन के साथ सहयोग करेगा.

तमिलनाडु सरकार द्वारा न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और आर हेमलता की खंडपीठ को यह बताया गया था कि कोरोना संकट को देखते हुए सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध में ढील देना संभव नहीं है. इसके बाद अदालत ने केवल घरों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना का फैसला सुनाया. इससे पहले, कोर्ट ने सरकार के निर्णय के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा था कि मूर्तिकारों को होने वाले आर्थिक नुकसान के मद्देनजर क्या प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है? 

इस मुद्दे को लेकर एनडीए की सहयोगी एवं सत्ताधारी पार्टी AIADMK और भाजपा के बीच तनातनी हो गई थी. राज्य के भाजपा नेताओं का तर्क था कि सरकार ने चेन्नई में 18 अगस्त से शराब की दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान कर दी, लेकिन गणेश उत्सव से उसे परहेज हो रहा है. पार्टी नेताओं ने तमिलनाडु सरकार को पड़ोसी कर्नाटक से सीख लेने की नसीहत भी दी थी, जिसने कोरोना महामारी के बावजूद गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति दी है. वहीं, हिंदूवादी संगठन भी सरकार के फैसले के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए थे. संगठन हिंदू मुन्नानी ने ऐलान किया था कि राज्य में 1.5 लाख मूर्तियों की स्थापना करके धूमधाम के साथ गणेश चतुर्थी मनाई जायेगी.  

 

 

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