वायुसेना का 'बहादुर' होगा रिटायर, कारगिल में पाकिस्तान को किया था पस्त
जोधपुर की स्क्वाड्रन नंबर 29 यानि SCORPIONS MIG 27 उड़ाने वाली आखिरी स्क्वाड्रन है. इसके पास 15 MIG 27 एयरक्राफ्ट हैं. MIG 27 एयरक्राफ्ट को 1982 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और 2005 में इन्हें अपग्रेड किया गया था.
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नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना शुक्रवार को जोधपुर में अपने एक बहादुर को अलविदा कहेगी. भारतीय वायुसेना के MIG 27 फ़ाइटर जेट्स की आखिरी स्क्वाड्रन को शुक्रवार को विदाई दी जाएगी. इस विदाई के बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों की तादाद केवल 28 रह जाएगी, जबकि देश की सुरक्षा के लिए वायुसेना के 42 फ़ाइटर स्क्वाड्रन को मंजूरी दी गई है.
जोधपुर की स्क्वाड्रन नंबर 29 यानि SCORPIONS MIG 27 उड़ाने वाली आखिरी स्क्वाड्रन है. इसके पास 15 MIG 27 एयरक्राफ्ट हैं. MIG 27 एयरक्राफ्ट को 1982 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और 2005 में इन्हें अपग्रेड किया गया था.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत कुल 165 MIG 27 बनाए थे. इस फ़ाइटर एयरक्राफ्ट ने 1999 में कारगिल की पहाड़ियों में मोर्चाबंद पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. MIG 27 ने पहाड़ियों पर बने पाकिस्तानी घुसपैठियों के ठिकानों पर रॉकेट्स से अचूक निशाना लगाकर उन्हें तबाह किया था.
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इसी दौरान बटालिक सेक्टर में हुई कार्रवाई में MIG 27 में उड़ान भरे रहे फ्लाइट लेफ्टिनेंट के नचिकेता को विमान क्षतिग्रस्त होने के बाद पाकिस्तानी इलाक़े में उतरना पड़ा था जिन्हें पाकिस्तानियों ने बंदी बना लिया था. कारगलि युद्ध के दौरान MIG 27 के कारनामों के बाद इसका नया नाम 'बहादुर' पड़ा था.
MIG 27 के रिटायर होने के बाद नंबर 29 स्क्वाड्रन को NUMBERPLATED कर दिया जाएगा यानि जब तक इस स्क्वाड्रन को नए एयरक्राफ्ट नहीं मिलेंगे तब तक इसे निलंबित रखा जाएगा. वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि इस स्क्वाड्रन को अगले साल सुखोई 30 एयरक्राफ्ट मिलेंगे और ये दोबारा दुश्मनों को डंक मारने के लिए तैयार हो जाएगी.