नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्‍य सभा (Rajya Sabha)  में बताया कि  पिछले 3 सालों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 7 आईएएस (IAS) अधिकारियों को भ्रष्‍टाचार (Corruption) के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. 


7 अधिकारियों को पिछले तीन सालों में किया गया गिरफ्तार 


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राज्‍य सभा (Rajya Sabha) में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि 27 राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार,  भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से जुड़े 7 अधिकारियों को पिछले तीन सालों में गिरफ्तार किया गया है. इन पर भ्रष्‍टाचार के आरोप थे. 


जीतेंद्र सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, एक आईपीएस अधिकारी जो उत्‍तर प्रदेश सरकार के अधीन सेवाएं दे रहा था, उस पर सितंबर 2020 से अभी तक आपराधिक मामला चल रहा है. इस आईपीएस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया और राज्‍य सरकार ने इसके खिलाफ अनुशासनात्‍क कार्यवाही की शुरुआत भी कर दी है. 


588 मामलों की जांच एक साल से अधिक समय से लंबित


सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि 31 दिसंबर 2020 तक केंद्रीय जांच ब्यूरो के पास 588 ऐसे नियमित मामले थे जिनकी जांच एक साल से अधिक समय से लंबित थी. 



कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को यह जानकारी दी. 


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उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2019 तक केंद्रीय जांच ब्यूरो के पास 711 ऐसे नियमित मामले थे जिनकी जांच एक साल से अधिक समय तक लंबित थी, जबकि 31 दिसंबर 2020 तक ऐसे मामलों की संख्या 588 थी.  उन्होंने कहा कि 2020 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ ऐसे छह मामले थे.  सिंह ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो लोक सेवकों, फर्म, बैंक, निजी व्यक्तियों के खिलाफ जटिल एवं बड़े मामलों की जांच करता है.  कई बार यह जांच बहुत पुराने लेनदेन या घटना के बारे में हो सकती है. 


उन्होंने कहा कि इसमें कई ऐसे मामले हैं जो विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हैं.