अर्थव्यवस्था के डांवाडोल होने की खबरों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त 14 सितंबर के बीच धड़ाधड़ 47 फैसले लिए थे.
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नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था के डांवाडोल होने की खबरों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त 14 सितंबर के बीच धड़ाधड़ 47 फैसले लिए थे. वित्त मंत्रालय इन फैसलों पर प्रगति गिनवा रहा है. इनमें 20 फैसलों पर अमल हो चुका है, बाकी पर काम चल रहा है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक अटके हुए जीएसटी रिफंड दे दिए गए हैं. 10,000 करोड़ रुपये रिफंड किए हैं. बैंकिंग सिस्टम में 60,314 करोड़ रुपए की नकदी दी डाल दी गई है. लोन मेला लगाकर 400 ज़िलों में लोन बांटे हैं जिनमें पहली बार के मेले में 82,000 रुपये का लोन बांटा गया है.
इनकम टैक्स नोटिस भेजने की प्रक्रिया एक ही सिस्टम के तहत लाती गई है. कंपनियों के लिए CSR गाइडलाइन का पालन न करने पर इसे 'क्रिमिनल' काम मानने वाला प्रस्ताव वापस ले लिया गया. केपिटल गेन पर लगे सरचार्ज को अध्यादेश लाकर हटा दिया गया. RBI के द्वारा दरों को घटाने के बाद बैंक भी अपनी ब्याज दरें घटाएं ऐसी व्यवस्था बनायी. MSME को आसान और कम दर पर लोन और जल्दी जीएसटी रिफंड की व्यवस्था की.NBFC को 2.56 लाख करोड़ रुपये का लोन और प्रापर्टी पूल खरीद सिस्टम में सहायता दी.पुराने कंडम सरकारी वाहन हटा कर नये वाहन खरीदने के लिए नीति बनाई गई.
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वहीं अगले 5 साल में मूलभूत ढांचा सुधारने कि लिए 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की बाद इस विषय पर वित्त मामलों के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई और इसकी रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है. इसके आलावा स्टार्ट अप के इंवेस्पटर पर एंजेल टैक्स हटाने के लिए व्यवस्था की जा चुकी है. हालांकि वित्त मंत्रालय ने ये साफ नहीं किया कि बाज़ार और सिस्टम दोनों पर इन कदमों का कितना असर पड़ा.और अर्थव्यवस्था में इसका प्रभाव किस तरह देखा जा रहा है.