जब चॉकलेटी सांचे में ढल गए ‘मिसाइल मैन’, 180 घंटे में बनी अनोखी प्रतिमा
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जब चॉकलेटी सांचे में ढल गए ‘मिसाइल मैन’, 180 घंटे में बनी अनोखी प्रतिमा

उत्कृष्ट मूर्ति बनाने के हुनर को प्रदर्शित करते हुए यहां एक चॉकलेट बुटीक ने पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पांच फुट ग्यारह इंच की एक ऐसी अनोखी प्रतिमा बनाई है, जो पूरी तरह चॉकलेट की है । ‘मिसाइल मैन’ के इस चॉकलेट मॉडल का वजन लगभग 400 किलोग्राम है और यह बिक्री के लिए नहीं है। इसे पुडुचेरी के चॉकलेट बुटीक ‘जुका’ द्वारा अपने परिसर में स्थापित किया गया है और यह मॉडल बड़ी तादाद में लोगों को आकर्षित भी कर रहा है।

तस्वीर के लिए साभार: Zuka's Facebook page

पुडुचेरी: उत्कृष्ट मूर्ति बनाने के हुनर को प्रदर्शित करते हुए यहां एक चॉकलेट बुटीक ने पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पांच फुट ग्यारह इंच की एक ऐसी अनोखी प्रतिमा बनाई है, जो पूरी तरह चॉकलेट की है । ‘मिसाइल मैन’ के इस चॉकलेट मॉडल का वजन लगभग 400 किलोग्राम है और यह बिक्री के लिए नहीं है। इसे पुडुचेरी के चॉकलेट बुटीक ‘जुका’ द्वारा अपने परिसर में स्थापित किया गया है और यह मॉडल बड़ी तादाद में लोगों को आकर्षित भी कर रहा है।

चॉकलेट की दुकान के मालिक श्रीनाथ बालाचंद्रन ने बताया कि मुझे और शेफ राजेन्द्रन थन्कारासु को इस चॉकलेट मॉडल को बनाने में करीब 180 घंटे लगे और उन्होंने इसे अलग-अलग चरणों में बनाया। इसे बनाने में उन्होंने विभिन्न सूक्ष्म पहलुओं पर ध्यान दिया तथा इसमें केवल खाद्य चॉकलेट पदाथरें का उपयोग किया। से जनवरी के पहले सप्ताह तक प्रदर्शित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘यह पूर्व राष्ट्रपति को हमारी ओर से श्रद्धांजलि है। खड़ी मुद्रा में प्रतिमा बनाना असल में एक चुनौती था । हालांकि, इस काम को करने की खुशी अपार एवं रोमांचक थी।’ श्रीनाथ एवं जुका ने दुकान का सालाना उत्सव मनाने के लिए कलाम की हूबहू प्रतिमा बनाई तथा इसे बनाने से पहले फेसबुक के जरिए विभिन्न वर्गों के लोगों से सुझाव भी लिए थे। उन्होंने कहा कि इससे पहले महात्मा गांधी, द स्टैचू ऑफ लिबर्टी, मिकी माउस, एक विंटेज ट्रेन और संगीत वाद्ययंत्रों के भी चॉकलेट मॉडल बनाए जा चुके हैं । उन्होंने कहा, ‘ऐसे कार्यों से हम पुडुचेरी को केन्द्र शासित प्रदेश से बाहर विशेष रूप से विश्व में अपनी पहचान दिलाना चाहते हैं।’

श्रीनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि ये प्रतिमाएं बिक्री के लिए नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि कई स्कूलों के व्यवस्थापकों ने चॉकलेट से बनी कलाम की प्रतिमा दिखाने के लिए छात्रों को इस दुकान में लाने के वास्ते समय तय करना शुरू कर दिया है, ताकि बच्चे इसे देख सकें। जब उनसे पूछा गया कि अनोखे उत्पादों के संरक्षण के लिए क्या कोई संग्रहालय बनाने की उनकी योजना है, तो उन्होंने कहा कि ‘सचमुच यह एक सपना है और इसके लिए सभी संबंधित बातों पर विचार किया जाना चाहिए।’

 

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